महिला सम्मेलन एवं गोष्ठी का आयोजन आयोजित किया गया।

बिजनौर – राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बिजनौर द्वारा महिला सम्मेलन एवं गोष्ठी का आयोजन किरण उत्सव मंडप में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में “महिलाओं को उनके अधिकारो के प्रति जागरूक करना और वर्तमान समय में शिक्षिकाओं की भूमिका” के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका शैली शर्मा और आसमा सचदेवा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ शशि प्रभा रघुवंशी ने बताया कि व्यक्ति का जीवन परिवार से प्रारंभ होता है और मां बच्चे की प्रथम गुरु होती है। आज के समय में माता-पिता एवं शिक्षकों पर बच्चों को मोबाइल पर विकृत चीजें देखने से रोकने की महती जिम्मेदारी है। भारतीय संस्कृति अपने आप में महान है। विशिष्ट अतिथि डॉ नीरज शर्मा ने शिक्षकों के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया की शिक्षिकाएं सहज रूप से संवेदनशील होती हैं तथा अपने शिष्यों को बेहतर समझती हैं। ऐसी स्थिति में जीवन निर्माण में शिक्षिकाओं की भूमिका शिक्षकों से भी अधिक हो जाती है। महिलाओं को जागरूक करने का कार्य शिक्षकों को विशेष रूप से करना है। दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या पायल कपूर ने बच्चों को भावनात्मक रूप से समझने की आवश्यकता पर बल दिया। बच्चों में नैतिक मूल्यों की की स्थापना के लिए शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण रोल है। वर्तमान समय में शिक्षिकाएं अपनी भूमिका को बखूबी निभा रही हैं और निभाते रहेंगी।
संगठन की वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ राजुल त्यागी ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की रीति- नीति एवं संरचना के विषय में उपस्थित सदस्यों को बताया। शिक्षिका एक माता है और उसे अपनी भूमिका आवश्यक रूप से निभानी है।
संगठन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष कामेश्वरी देवी ने योग एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शैली शर्मा को प्रशस्ति पत्र भेंट किया। कार्यक्रम में संयुक्त कार्य समिति के जिला अध्यक्ष डॉ अजय राणा, जिला संगठन मंत्री रामस्वरूप सिंह , जिला अध्यक्ष दिग्विजय सिंह,जिला महामंत्री पंकज बिश्नोई, जिला मीडिया प्रभारी वैभव बिश्नोई और अरूण कुमार सहित ललिता चौहान ,छाया मलिक,रुपाली सिंह, अभिनव आदि कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक शिक्षिकाओ ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और समस्त शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।