बंदूक लेकर निकल पड़े है विधायक जी, भेड़ियों का शिकार करने। 30 गांवों की नींदे हराम, भेड़ियों का आतंक…
• वन विभाग की पूरी टीम पड़ी है माथा पकड़े
• विधायक ने मांगी परमिशन भेड़ियों को मारने की
बहराइच/ उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग की 15 टीमें लगाई गई हैं। बहराइच जिले के महसी तहसील के करीब 30 गांवों में पिछले 45 दिनों से 4 से अधिक आदमखोर भेड़ियों का आतंक बताया जा रहा है। आदमखोर भेड़िये अब तक 8 बच्चों समेत 9 लोगों का शिकार कर चुके है, जबकि 30 से अधिक लोग हमले में घायल हो चुके हैं। इसके उपरांत भी अभी तक विभाग भेड़ियों को पकड़ने में नाकामयाब रहा है।
बहरहाल लोग अब हनुमान चालीसा का पाठ से लेकर रात-रात भर पहरा दे रहे हैं, ताकि भेड़ियो के हमले से अपनों को बचाया जा सके। कुछ लोग यह भी बोल रहे है की ये हाइब्रिड भेड़िया हो सकता है। हालांकि भेड़ियों को पकड़ने के अभियान के नोडल अधिकारी बाराबंकी के प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप बधावन के मुताबिक एक भेड़िया लंगड़ा है। जिसकी वजह से वह शिकार करने में सक्षम नहीं है और वह आसान शिकार की तलाश में रहता है। इसी लंगड़े भेड़िये की वजह से झुण्ड के अन्य भेड़िए भी महसी इलाके में बच्चों के लिए काल बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि इंसानी बच्चों का शिकार आसान होता है। हाल यह है कि इस झुंड ने इलाके में आतंक मचाया हुआ है ।
गौरवलब है कि भेड़ियों के आतंक को देखते हुए स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह ने खुद राइफल उठा ली है। वे ग्रामीणों के साथ राइफल लेकर भेड़िए का शिकार करने निकल चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भेड़ियों को गोली मारने की अनुमति भी मांगी है। उधर भेड़ियों के आतंक से अब जिले के अधिकारी ही नही, वन मंत्री भी चिंतित हैं। मुख्य वन संरक्षक रेणू कुमार ने भेड़िये को पकड़ने के लिए 15 टीमों का गठन किया है, जिसको डीएफओ बाराबंकी, बहराइच के दो डीएफओ, श्रावस्ती के डीएफओ और गोंडा के वन कर्मचारी लीड कर रहे हैं। ये टीम सभी अलग-अलग क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रहे है, लेकिन विभाग को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
यूपी के वन राज्य स्वतंत्र राज्य मंत्री डॉ अरुण सक्सेना ने भेड़ियों के आतंक को देखते हुए प्रभावित गांवों में लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करवाया है। इसके माध्यम से लोगों को सतर्क रहने और रात में घरों से न निकलने की अपील की गई है। बच्चों को खेलने से मना किया गया है, वही रात को घर से बाहर सोने के लिए भी मना किया गया है।