
देहरादून/ हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार डीएवी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य और प्रदेश सरकार में दायित्व पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र भसीन ने कहा पत्रकारों को भ्रामक सूचनाओं से सावधान रहकर वास्तविक तथ्यों पर आधारित समाचार को महत्व देना चाहिए। भारतीयता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए एक पत्रकार को सच्चाई और देशहित का पक्षधर होना चाहिए।
डॉ देवेन्द्र भसीन हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उत्तराखंड पत्रकार महासंघ द्वारा शुक्रवार को देहरादून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी प्रेक्षागृष्ट में आयोजित विचार गोष्ठी एवं पत्रकार गौरव सम्मान 2025 समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक ने भी प्रतिभाग किया । इससे पहले, अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।
महासंघ की सदस्य टीना वैश्य और सृष्टि सेमवाल ने गणेश वंदना और सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। मुख्य वक्ता ने स्वतंत्रता आन्दोलन और उसके बाद की पत्रकारिता में आए अन्तर का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के आन्दोलन के समय पत्रकारिता की भूमिका अलग थी। उस समय के पत्रकारों और अखबारों का मुख्य ध्येय अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के आन्दोलन में योगदान और समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाना था। लेकिन आजादी के बाद परिस्थितियां बदल गई। अब पत्रकारों और पत्रकारिता का लक्ष्य विकास कार्यों में सकारात्मक योगदान देने का होना चाहिए।
उन्होंने कहा हालांकि आज भी जहां कहीं कमियां नजर आएं, उन्हें पत्रकारों को उजागर करने में संकोच नहीं करना चाहिए। डॉ भसीन ने कहा कि आज पत्रकारिता में प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे कई स्वरूप हमारे सामने है जिसके साथ ही कई चुनौतियां भी उभर आई हैं। भ्रामक सूचनाओं की भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस पर चिन्ता प्रकट की कि सरकार पीआईबी और सूचना विभाग जैसी नियामक संस्थाओं से अधिक सक्रिय भ्रामक सूचनाएं देने वाले हैं। पत्रकारों को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए इससे बचना चाहिए और भ्रामक तथ्यों से सावधान रहकर वास्तविक तथ्यों पर आधारित सूचनाओं का आगे बढाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भले ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का महत्व बढ रहा है लेकिन यह रियल इंटेलीजेंस को मात नहीं दे सकती।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक वंशीधर तिवारी ने अपने सम्बोधन में विभाग द्वारा पत्रकार हित में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार पत्रकारों के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कृत संकल्प हैं। सूचना महानिदेशक ने कहा कि पत्रकारों को लेकर मुख्यमंत्री की नीति बिल्कुल सरल है और वे किसी भी मुश्किल में फंसे जरूरतमंद पत्रकार को तुरंत सहायता उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष का गठन ही पत्रकारों के लिए हुआ है। प्रक्रिया के कारण भले ही थोडा विलंब हो जाए लेकिन हमारा प्रयास सभी को लाभान्वित करने का रहता है। उन्होंने बताया कि तहसील स्तर पर पत्रकारों को मान्यता देने, अखबारों का कोटा बढ़ाने और पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गोल्डन कार्ड बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है।
विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और पत्रकार कल्याण कोष समिति के सदस्य डॉ वीडी शर्मा ने गैर पत्रकारों के बीच में आने के कारण पत्रकारिता की विश्वसनीयता में आई गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बड़े अखबारों के मालिक अपने हिसाब से पत्रकारों को चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को चकाचौंध से दूर रहकर ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए और विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।
पत्रकार कल्याण कोष समिति के सदस्य ने पत्रकार हित में सूचना महानिदेशक के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा सूचना महानिदेशक बंसीधर तिवारी जब विभाग में आए तो एक मामले के लिए भी उन्होंने पत्रकार कल्याण कोष समिति की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष का कारपस फंड पाच करोड़ था। पत्रकार संगठनों के निवेदन पर इसे 10 करोड कर दिया गया है।
समारोह में आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी में स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन के डीन प्रो डाॅ नीरज खत्री ने पत्रकारिता में भाषा की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि समाचार लेखन में भाषा की समझ कम हो रही है। ऐसा तकनीक के कारण हो रहा है। डा.खत्री ने पत्रकारों से इसमें सुधार करने की अपेक्षा जताई।
इनके अलावा उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के प्रदेश प्रभारी सुशील चमोली प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती बीना उपाध्याय, प्रदेश सचिव सुभाष कुमार जिला महामंत्री कृपाल बिष्ट आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए।
समारोह में उत्तराखंड पत्रकार महासंघ की ओर से देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र नाथ कौशिक, राष्ट्रीय सहारा के सम्पादकीय प्रभारी राकेश डोभाल, अमर उजाला के भूपेन्द्र राणा हिन्दुस्तान के रवि बीएस नेगी दैनिक जागरण के विकास गुसाई, राष्ट्रसंत साप्ताहिक की सम्पादक श्रीमती बीना उपाध्याय, भारत नमन के सम्पादक नरेश रोहिला , दीप सवेरा के सम्पादक और महासंघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक सिंह गुसाईं एवं विचार और चिंतन साप्ताहिक के सम्पादक राजेन्द्र सिंह सिराडी को पत्रकार गौरव सम्मान 2025 से सम्मानित किया। इन सभी को मुख्य वक्ता डा देवेन्द्र भसीन, विशिष्ट अतिथि सूचना महानिदेशक वंशीधर तिवारी विशिष्ट वक्ता डा वीडी शर्मा विशिष्ट अतिथि डॉ प्रो नीरज खत्री और वरिष्ठ पत्रकार अतिथियों को उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष निशीथ सकलानी व महासंघ ने शॉल ओढाकर तथा सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
अन्त में उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए समारोह में आए सभी पत्रकारों और गणमान्य लोगों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के सहयोग से उत्तराखंड पत्रकार महासंघ पत्रकारों की समस्याओं के समाधान और उनके हित संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। इसमें कहीं संघर्ष की आवश्यकता पड़ी तो उससे भी पीछे नहीं हटेगा।
कार्यक्रम में महासंघ के राजीव मैथ्यू , राकेश शर्मा, यशराज आनंद, राजेश बहुगुणा, सतेन्द्र बर्थवाल, वेद किशोर जुगलान, राकेश भट्ट, शादाब त्यागी, जगमोहन मौर्य, पंडित के.सी त्रिपाठी पीतांबर , सूर्य प्रकाश भट्ट, विजय जायसवाल, कु मुस्कान, कु मायूसी, रेनू सेमवाल, रेनू सिराडी, मंजू शर्मा, अर्पणा सिराडी, कु मानसी शर्मा, दीवान राणा, कु प्रिशा, दीपशिखा, कु अंजलि बिरला, खुशी आर्य, राजेश पुरी, ओमीपाल व रजत शर्मा, एमएस चौहान, रणजीत रावत, हेमेंद्र मलिक, धन सिंह बिष्ट, जितेंद्र रजौरी, राजेश बहुगुणा, हेमंत शर्मा, अवधेश नौटियाल आदि पत्रकार मौजूद रहे।