उत्तराखंड

HC ने UKPCB के आदेश पर लगाई रोक

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय के आदेश जिसमें प्रोड्यूसर, ब्रांड ओनर, इम्पोर्टर व मैन्यू फैक्चर्स के द्वारा राज्य प्रदूषण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन व इपीआर एक्शन प्लान पेश नही करने पर उनके संचालन पर रोक लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने बोर्ड के 2 दिसम्बर 2022 के आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाते हुए प्रदूषण बोर्ड से 20 दिसम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसम्बर की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार राज्य प्रदूषण बोर्ड ने 2 दिसम्बर 2022 को आदेश पारित कर ब्रांड ओनर, मैन्युफेक्चर, इम्पोर्टर व रिसाइकलर को प्रदेश में इनके संचालन पर रोक लगा दी थी। बोर्ड के अपने आदेश में कहा है कि इनके द्वारा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 की धारा 13 का पालन नही किया गया। आदेश में यह भी कहा गया कि इनको कई बार अधिसूचित करने के बाद भी तय समय के भीतर ब्रांड ओनर, मैन्युफेक्चर, प्रोड्यूसर व रिसाइकिलर को पंजिकृत करने के साथ साथ इपीआर एक्शन प्लान पेश करना था जो अभी तक नही किया गया। इसलिए इनके संचालन पर रोक लगाई जाती है। बोर्ड में केवल हिंदुस्तान लिवर, पतंजली, ब्रिटानिया व 2 अन्य कम्पनियो के अलावा किसी ने भी इपीआर प्लान पेश नही किया। पूर्व में माननीय उच्च न्यायलय ने भी इनके रजिस्ट्रेशन कराने के आदेश दिए थे। फिर भी इनके द्वारा रजिस्ट्रेशन व इपीआर प्लान पेश नही किया गया। बोर्ड द्वारा इसकी सूचना इनको समाचार पत्रें व नोटिस देकर दी गयी उसके बावजूद इनके द्वारा इपीआर प्लान पेश नही किया गया। जिसकी वजह से राज्य प्रदूषण बोर्ड को इनके संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गयी। याचिका में इस आदेश को निरस्त करने व उनके संचालन की अनुमति मांगी गई है। इस आदेश को कुमायूँ गढ़वाल चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स और सिडकुल मैन्युफेक्चर के द्वारा चुनौती दी गयी।

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