केदारनाथ में बन रहे प्लाजा का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध
रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यो में प्लाजा निर्माण का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध जताया है। तीर्थ पुरोहितों की माने तो केदारनाथ में स्मार्ट सिटी का कोई औचित्य नहीं है। मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में निर्माण कार्य होने चाहिए, जिसमें तीर्थ पुरोहितों की राय-शुमारी जरूरी है। तीर्थ पुरोहित केदारनाथ की भौगोलिक परिस्थिति से विज्ञ हैं।
केदारनाथ में आवास विहीन तीर्थ पुरोहितों को आवास उपलब्ध करवाने समेत कई मुददों को लेकर केदारसभा के पदाधिकारियों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात कर आवश्यक कार्यवाही किए जाने की मांग है। ताकि समय से तीर्थ पुरोहितों की समस्याओं का समाधान हो सके। केदारसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मुलाकात की। इस अवसर पर तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि जिन तीर्थ पुरोहितों के पास केदारनाथ में रहने के लिए अभी तक आवास नहीं हैं, उन्हें शीघ्र आवास उपलब्ध करवाए जाएं। 2015 से अब तक जिन भी भूमि स्वामियों से जो भी अनुबंध हुए हैं, पहले उन्हें पूर्ण किया जाय। उसके बाद नए भवन स्वामियों से वार्ता की जाए। केदारनाथ में बन रहे प्लाजा का सम्पूर्ण तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया। कहा कि वर्ष 2015 या इसके बाद जिन भी भवनों का पूर्ण रूप से अधिग्रहण किया गया, रोजगार की दृष्टि से उन भवन स्वामियों से वार्ता कर उचित न्याय किया जाए। वर्ष 2013 की आपदा में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए पौराणिक मंदिर जैसे लक्ष्मीनारायण मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, उदक कुण्ड का पुनर्निर्माण जल्द शुरु किया जाए। स्वच्छता की दृष्टि से यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ स्थायी शौचालयों का निर्माण किया जाए। ताकि केदारनाथ धाम में स्वच्छता बनी रहे। इस मौके पर केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, महामंत्री राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, विष्णुकान्त कुर्माचली, प्रवीण तिवारी, उमेश चन्द्र पोस्ती, बृजेन्द्र शर्मा, केशव तिवारी, तेज प्रकाश त्रिवेदी, संतोष त्रिवेदी, अनिल बगवाड़ी समेत कई तीर्थ पुरोहित उपस्थित थे।