उत्तराखंड

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, हल्द्वानी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4,365 भवन ध्वस्त होंगे

रेलवे को एक सप्ताह का नोटिस समय देने के आदेश
नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने आज हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के मामले में फैसला सुना दिया है। जिसके बाद रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4 हजार से भी अधिक घरों का ध्वस्तीकरण किया जाना सुनिश्चित हो गया है। सालों से न्यायालय में विचाराधीन इस अतिक्रमण को लेकर कुछ लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन सभी याचिकाओं को नैनीताल हाईकोर्ट रेफर करते हुए अपने स्तर पर इनके निस्तारण के निर्देश दिए गए थे। हाईकोर्ट की बेंच द्वारा इस मामले की सुनवाई बहुत पहले पूरी कर ली गई थी। रेलवे और अतिक्रमणकारियों के बीच चल रहे इस विवाद में आज हाईकोर्ट की बेंच द्वारा रेलवे की जमीन से सभी तरह के अतिक्रमण हटाने के आदेश जिला प्रशासन नैनीताल को दे दिए गए हैं। न्यायालय द्वारा रेलवे विभाग को कहा गया है कि वह रेलवे की जमीन पर बसे सभी लोगों को एक सप्ताह का नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। जो स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाते हैं जिला प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जाना सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कुल 4,365 भवन चिन्हित किए गए हैं जो अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। इनमें अधिकाश्ंा आवासीय भवन हैं। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन घरों में रहने वालों को बेदखल किया जाना सुनिश्चित हो गया है। देखना यह है कि नैनीताल जिला प्रशासन द्वारा इतने बड़े क्षेत्र में किए गए इस अतिक्रमण को हटाने के मामले को कैसे अंजाम तक पहुंचाया जाता है। इस फैसले के बाद अब रेलवे के अधिकारियों द्वारा भवन स्वामियों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इन 4,365 भवनों के वशीकरण की कार्रवाई में 25 करोड़ का अनुमानित व्यय आएगा। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार से धन स्वीकृत कराना पड़ेगा वहीं अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन को अतिरिक्त पुलिस बल की भी जरूरत होगी।

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