20 हजार की रिश्वत लेने वाले अधिकारी को 5 साल की सजा
देहरादून। खाद्य पदार्थाे के एक्सपोर्ट व एम्पोर्ट का लाइसेंस बनाने के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने वाले केन्द्र सरकार के डीजीएफटी कार्यालय में यूडीसी पद पर कार्यरत सुरेंद्र कुमार गुप्ता को सीबीआई कोर्ट ने दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई व 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। वर्ष 2016 में नवीन पटवाल ने मैसर्स वेल्किन फूड्स (मशरूम का निर्माण) झबरेड़ा रुड़की ने डीजीएफटी कार्यालय में खाद्य पदार्थाे के एक्सपोर्ट व एम्पोर्ट के लाइसेंस के लिए आवेदन किया। यह लाइसेंस यूडीसी सुरेंद्र कुमार गुप्ता को जारी करना था। जिसके लिए यूडीसी सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने नवीन पटवाल से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। जिसकी शिकायत पटवाल सीबीआई से की। सीबीआई ने यूडीसी सुरेंद्र कुमार गुप्ता को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 3 नम्वबर 2016 को ईपीसीजी लाइसेंस के लिए रिश्वत की मांग की जिसके बाद दोषी को 4 नवम्बर को 2016 को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। मुकदमें में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 15 गवाह और बचाव पक्ष ने 16 गवाह पेश किए। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बृजेन्ता सिंह ने आरोपी को धारा 7 और 13(2)आर एण्ड डब्ल्यू 13(1)(क) के तहत दोषी ठहराया। न्यायधीश ने दोनों धाराओं में 5 साल की जेल की सजा सुनाई व 2 लाऽ रुपये का जुर्माना लगाया। –