उत्तराखंडदेहरादून

अधिनियम के तहत विभागों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना आवश्यक : सिमरनजीत 

गौचर / चमोली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायालय परिसर में अधिकारियों के साथ संगोष्ठी आयोजित हुई। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध एवं निवारण अधिनियम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली द्वारा मंगलवार को न्यायालय परिसर गोपेश्वर में विभागीय अधिकारियों के साथ संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें सिविल जज/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिमरनजीत कौर ने विभागीय अधिकारियों को अधिनियम के प्रावधानों एवं कार्रवाई की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने कार्यस्थल पर महिलाओं का उत्पीड़न के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम के तहत विभागों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। वहीं शिकायत को 06 प्रतियों में लेकर जांच के बाद कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम में आरोपी के दोषी पाए जाने पर अर्थदंड के साथ ही निलंबन जैसी सजा का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को विभागीय स्तर पर समितियों गठन करने एवं नियमित रूप से वार्षिक रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को दिए जाने और अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए विभागीय और अन्य स्तरों पर गोष्ठी आयोजित करने की बात कही।

इस मौके पर न्यायिक मजिस्ट्रेट चमोली पल्लवी गुप्ता, हेमलता भट्ट, ममता शैली, अनीता असवाल, उदय सिंह रावत, रचना, सोनी भंडारी, सतीश कुमार, पूनम रानी शांती तिवाड़ी, विक्रम सिंह कुंवर, अधिवक्ता ज्ञानेंद्र खंतवाल सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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