श्रवण बाधित जनों के लिए शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा की ओर ध्यान देना नितांत आवश्यक : गीताराम
- निशक्तजन आयुक्त द्वारा किए जा रहे हैं सराहनीय प्रयास : अनंत मेहरा
- भारतीय सांकेतिक भाषा अनुवादक की व्यवस्था के विषय में निशक्तजन आयुक्त का निर्णय स्वागत योग्य : उमेश ग्रोवर
देहरादून। राजधानी दून में 23 से 29 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय बधिर सप्ताह मनाया गया। इसके संबंध में शहर के राजपुर रोड स्थित वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेंटर में उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन एवं बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग एवं डब्ल्यूआईसी और जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून संचालक मुनीशाभा सेवा सदन पुनर्वास संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय श्रवण बाधित जागरूक सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्रवण बाधित जनों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों आर्ट कंपटीशन सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे राष्ट्रीय श्रवण बाधित संघ जीवी रेड्डी ने श्रवण बाधित जनों के लिए एडवोकेसी से संबंधित कार्यों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने श्रवण बाधित बच्चों की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को श्रवण बाधित बच्चों की शिक्षा पर और अधिक ध्यान देना होगा। ऐसे बच्चे उच्च शिक्षा की ओर बढ़ें तथा साथ ही तकनीकी शिक्षा भी प्राप्त करें। इस संबंध में उन्होंने जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र एवं श्रवण बाधित संघ को सुझाव आमंत्रित करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने बताया संस्थानों में यदि श्रवण बाधित बच्चे तकनीकी शिक्षा प्राप्त करेंगे तो अवश्य ही उनके जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।
विशिष्ट अतिथि समदृष्टि क्षमता विकास अनुसंधान मंडल (सक्षम) के प्रांत सह सचिव अनंत मेहरा ने बताया विगत 23 सितम्बर से 29 सितम्बर तक श्रवण बाधित जनों के सर्वांगीण विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा गतिविधियों द्वारा समाज को जागरूक किए जाने के कार्य किए गए हैं। भारत सरकार ने इस दिशा में समस्त संस्थानों को पूर्व में भी निर्देशित किया है कि ज्यादा से ज्यादा समावेशन को बढ़ावा दिया जाए और सभी विद्यालयों महाविद्यालय तकनीकी संस्थानों में सांकेतिक भाषा के प्रचार प्रसार पर ध्यान दिया जाए।
ऐसे में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून निरंतर उत्तराखंड डेफ वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है कि सांकेतिक भाषा का आधारभूत ज्ञान सभी लोगों को हो। उन्होंने बताया वर्तमान में उत्तराखंड में अपर सचिव समाज कल्याण तथा नि:शक्तजन आयुक्त इस दिशा में महत्वपूर्ण संज्ञान ले रहे हैं। यहां तक कि वह स्वयं भी भारतीय सांकेतिक भाषा सीखने के लिए तत्पर हैं। उनके किसी विशेष बैठक होने के कारण आज दिल्ली से उनका फोन आया और फोन पर ही उन्होंने सभी श्रवण बाधित जनों को शुभकामनाएं प्रेषित की तथा स्वयं भी भारतीय सांकेतिक भाषा सीखने के इच्छा प्रकट की जिससे वह स्वयं भी श्रवण बाधित जनों से संप्रेषण का माध्यम बन सकें और उनकी बातों को समझ कर समाधान दे सकें।
आपको बता दें विगत तीन दिवस पहले निशक्तजन आयुक्त द्वारा निशक्तजन आयुक्त कार्यालय पर भारतीय सांकेतिक भाषा अनुवादक की व्यवस्था के लिए निर्देश भी दे दिए गए हैं।
विशिष्ट अतिथि किशोर न्याय बोर्ड देहरादून की सदस्य एवं प्रांत महिला प्रमुख सक्षम से निरुपमा रावत ने बताया कि श्रवण बाधित महिलाओं को आगे बढ़कर सभी क्षेत्रों में अपना योगदान देना है और सभी क्षेत्रों में अपने प्रतिभा का प्रचार प्रसार करना है। समाज उनकी प्रतिभा से प्रेरणा लेते हैं।
इस मौके पर विगत 15 वर्षों से निरंतर दिव्यांगजन महिलाओं के लिए दून डिफरेंटली एबल ट्रस्ट के माध्यम से निरुपमा द्वारा किए गए सराहनीय प्रयासों को देखते हुए उत्तराखंड डेफ वेलफेयर एसोसिएशन ने उनको सम्मानित भी किया।
विशिष्ट अतिथि गोवर्धन सिंह नोडल अधिकारी आईटी सेल समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड ने सभी श्रवण बाधित जनों द्वारा कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को सारा और उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया संवेदनशील अधिकारी अवश्य ही आपके साथ तत्परता से आगे बढ़कर कार्य कर रहे हैं। जहां भी उनकी आवश्यकता होगी वह हमेशा आपके साथ कार्य करते रहेंगे।
कार्यक्रम के संचालक एवं सूत्रधार उमेश ग्रोवर अध्यक्ष उत्तराखंड डेफ वेलफेयर एसोसिएशन उपस्थित सभी अतिथिजनों का सम्मान किया तथा श्रवण बाधित जनों के अधिकारों के लिए सरकार के कार्यों को अच्छा बताते हुए और अधिक गति से कार्य करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने बताया श्रवण बाधित जनों की शिक्षा रोजगार के अतिरिक्त भी और विभिन्न ऐसी समस्याएं हैं। जो समाज में सामने नहीं आती और वह उन क्षेत्रों में भी कार्य कर रहे हैं। जहां तक हर किसी का पहुंचना संभव नहीं होता। उन्होंने बताया श्रवण बाधित बालक बालिकाओं का बचपन बहुत ही सहजता से बीतता है तथा अभिभावक उनके प्रति बहुत चिंतित होते हैं। इस पर भी सरकार का ध्यान लाना नितांत आवश्यक है तथा समाज के हर व्यक्ति को सांकेतिक भाषा का ज्ञान होना अति आवश्यक है, जिसे कहीं भी हमारा श्रवण बाधित बालक बालिका अपनी बात आसानी से कर पाएं और अपनी व्यथा किसी को भी बताने में सक्षम हों।
कार्यक्रम में पहुंचे रुड़की बधिर संस्थान के बालक बालिकाएं एवं बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग के बालक बालिकाएं के अतिरिक्त नन्ही दुनिया देहरादून से भी श्रवण बाधित बालकों ने विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में पूर्व प्रधानाचार्य बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ लर्निंग अंजलि अग्रवाल, निरुपमा अध्यक्ष दून डिफरेंटली एबल ट्रस्ट, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुवादक तरु सिंघल, जिला हरिद्वार सक्षम के अध्यक्ष एवं देवभूमि डेफ संगठन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा, कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार श्रवण बाधित जनों में तरुण, राहुल, श्वेता, ख्वाहिश गुप्ता, शक्ति पुंडीर, राकेश प्रजापति, परवीन कालरा, राजेश हंडाना, रुचि ग्रोवर आदि 200 से अधिक श्रवण बाधित जनों ने प्रतिभाग किया।