उत्तराखंड

57 दिनों में 10 लाख तीर्थ यात्रियों ने किए केदारनाथ धाम के दर्शन

रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, 2023 को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। 2023 की यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने आ रहे हैं तथा आज 57 दिन पूर्ण होने पर लगभग 10 लाख तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा पार हो जाएगा तथा पिछली यात्रा की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मौसम भी अब ठीक होने लगा है तथा श्रद्धालुओं की संख्या में 15 जून के बाद संख्या कम होने लगती थी इस बार श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 15-16 हजार की संख्या दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं तथा यात्रा मार्ग में जगह-जगह रैन शल्टर का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही केदारनाथ में यात्रियों के रहने की सुविधा भी बढाई गई है तथा उचित मूल्य पर यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जिलाधिकारी ने यह भी अवगत कराया है कि श्री केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग के सभी पड़ावों पर वेस्ट मैनेजमेंट के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें जन सहभागिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है तथा प्रत्येक सप्ताह किसी न किसी क्षेत्र में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें संबंधित जिम्मेदार विभागों जिसमें जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर पंचायत, सुलभ इंटरनेशनल, स्वयं सेवी संस्थाएं द्वारा इसमें बढ चढकर भागीदारी कर रहे हैं। जिसमें गीले व सूखे कूड़े को अलग किया जा रहा है। सूखे कूड़े को काॅम्पेंक्ट कर रिसाईकिलिंग के लिए भेजते हैं अभी तक 35 से 40 हजार प्लास्टिक की बोतलों को रिसाईकिलिंग के लिए भेजा जा चुका है। इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों की लीद एवं बचा हुआ खाद्य पदार्थ को कंपोस्ट करते हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून के मध्यनजर पहले से ही तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग सहित राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य संभावित संवेदनशील भू-स्खलन क्षेत्रों में फोर्स सहित जेसीबी एवं आॅपरेटर तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही कंट्रोल रूम निरंतर कार्य कर रहा है। यदि कहीं किसी तरह की घटना एवं भू-स्खलन होता है तो यात्रियों को जगह-जगह सुरक्षित जगह रोककर यात्रा का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान यात्रियों की संख्या में कमी आ जाती है। यदि मौसम ठीक रहता है तो यात्रियों को आगे के लिए भेज दिया जाएगा।

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