उत्तराखंड

फिलहाल सभी बस्तियों का किया जा रहा सर्वे, उसके बाद लिया जाएगा कोई फैसला

फोरलेन एलिवेटेड रोड : 1120 मकान रिस्पना और 1494 मकान बिंदाल नदी किनारे के होंगे प्रभावित

देहरादून। देहरादून शहर में बढ़ते ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए शहर के बीचों बीच बहने वाली रिस्पना और बिंदाल नदी पर दो बड़ी एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत रिस्पना नदी और बिंदाल नदी के ऊपर दो अलग-अलग फोरलेन एलिवेटेड रोड बनाई जाएंगी। रिस्पना नदी के ऊपर रिस्पना पुल से नागलपुल तक 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर कारगी चौक से राजपुर रोड पर साईं मंदिर के पास तक 15 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी। रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को लेकर डिमार्केशन का काम शुरू हो चुका है। इसके तहत करीब 2,614 मकान प्रभावित होंगे। इसी कड़ी में मकानों पर निशान लगाए गए। इसके बाद वहां के स्थानीय लोगों में काफी असंतोष देखने को मिला। तकरीबन 6100 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए घनी बसावट से घिरी रिस्पना और बिंदाल नदी के आसपास बसे तकरीबन 2600 मकान जद में आ रहे हैं। रिस्पना नदी किनारे 11 मोहल्ले और बिंदाल नदी किनारे से 16 मोहल्ले प्रभावित हो रहे हैं। जिनमें से कच्चे-पक्के मकान की बात करें तो 1,120 मकान रिस्पना और 1,494 मकान बिंदाल नदी किनारे के प्रभावित होंगे। इन दिनों इस निर्माण कार्य से संबंधित भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया गतिमान है। इसी के तहत प्रोजेक्ट के अधीन आने वाली संपत्तियां का चिन्हीकरण शुरू हो चुका है। इसके तहत लोगों के घर, दुकान पर लोक निर्माण विभाग के सर्वे कर्मचारियों ने निशाना लगाया।

जिलाधिकारी देहरादून का कहना है कि एलिवेटेड रोड से लगभग 2600 घर विस्थापित होंगे। इसको लेकर नई पुनर्वास नीति पर काम कर रहे हैं। नगर निगम और एमडीडीए की जमीन पर बने घरों को ही पुनर्वास किया जाए, इस प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। अभी फिलहाल सभी बस्तियों का सर्वे किया जा रहा है।उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा।

 

 

 

 

 

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