उत्तर प्रदेशअपराध

कर्ज बना मौत का कारण।

बिजनौर – ( नूरपुर ) गांव टंडेरा के रहने वाले पुखराज ने अपनी पत्नी और दो बेटियों के संग जहर निगल लिया। फिलहाल पुखराज जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, जबकि उसकी पत्नी और दोनों बेटियां दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं। पुखराज बेहद ही मुफलिसी में गुजर बसर रहा था। उसके हिस्से में दो बीघा पुश्तैनी जमीन आई थी, जिसे उसने सालों पहले बेच दिया था। अब गांव के बाहर घर के नाम पर उसकी झोंपड़ी है। तिरपाल से बनी झोपड़ी और अंदर का नजारा उसकी गरीबी की दास्तां बयां कर रही है। पुखराज घोड़ा-बुग्गी चलाकर मजदूरी करता था, उसका बेटा सचिन भी मजदूरी करता है। जितनी मजदूरी मिलती थी, उसमें परिवार चलाना और चार लोगों की दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी एक मुसीबत है। ऐसे में कर्ज की दलदल से वह निकल ही नहीं पाया।दस दिनों से अदा नहीं कर पाया कर्ज की किस्त : पुखराज की पत्नी ने चांदपुर में स्थित स्वाभिमान एजेंसी (फाइनेंस कंपनी) से पचास हजार रुपये का कर्ज लिया था। मय ब्याज के 24 मासिक किस्तों में यह रकम जमा करनी थी। अब तक 16 किस्त जमा हो चुकी थी। इस महीने की 15 तारीख को 17वीं किस्त जमा होनी थी। मगर वह जमा नहीं कर पाया। रिकवरी एजेंट से उसने 25 तारीख तक हर साल में किस्त जमा करने का वादा भी किया था। अब 25 तारीख भी बीत गई। ऐसे में रिकवरी एजेंट वसूली के लिए आता। किस्त जमा करने को लेकर ही दो दिनों से पुखराज और उसके बेटे में झगड़ा चल रहा था। बताया गया कि बेटा सचिन भी मजदूरी करता है, जोकि घर कोई पैसा नहीं दे रहा था। बृहस्पतिवार की सुबह भी बाप बेटे में झगड़ा भी हुआ।

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