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मारुति सुज़ुकी की मानेसर फैसिलिटी में भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का संचालन शुरू

वाराणासी। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (“MSIL”) के मानेसर फैसिलिटी में भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का उद्घाटन किया।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर रेलवे साइडिंग को हरियाणा राज्य में सोनीपत से पलवल के बीच 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है। इस परियोजना को संयुक्त उद्यम कंपनी हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HORCL) द्वारा क्रियान्वित किया गया है। संयुक्त उद्यम के तहत, MSIL ने HORC के विकास में 3,250 मिलियन (325 करोड़)रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, MSIL ने भीतरी यार्ड के विकास के लिए लगभग 1,270 मिलियन (127 करोड़)रुपये का निवेश भी किया है। कुल मिलाकर, इस परियोजना में MSIL का कुल निवेश लगभग 4,520 मिलियन (452 करोड़) रुपये है।
इस अवसर पर मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, हिसाशी ताकेउचि ने कहा, “हम बहुत प्रसन्न हैं कि मारुति सुज़ुकी की मानेसर फैसिलिटी में आज भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का उद्घाटन किया गया है। हम केंद्रीय रेल मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और भारत सरकार के ग्रीन लॉजिस्टिक्स अभियान को आगे बढ़ाने वाली निर्बाध मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बहुत आभारी हैं। प्रधानमंत्री के गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, कंपनी की दूसरी इन-प्लांट रेलवे साइडिंग फैसिलिटी इसकी ग्रीन लॉजिस्टिक्स यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक है। इस परियोजना में समय पर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए हम हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री के भी अत्यधिक आभारी हैं।
उन्होंने आगे कहा, “यह परियोजना 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो कार्बन एमिशंसके प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह साइडिंग 175,000 टन CO2e उत्सर्जन को घटाने, पूरी क्षमता पर सालाना 60 मिलियन लीटर ईंधन बचाने और सड़को पर बड़ते ट्रैफिक को कम करने में योगदान देगी। कार्बन उत्सर्जन को कम करना मारुति सुज़ुकी की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है और इसके लिए हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के ज़रिये वाहन भेजने की हिस्सेदारी को 35 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
MSIL मानेसर फैसिलिटी के अंदर 46 एकड़ में फैली रेलवे साइडिंग में पूरी तरह से विद्युतीकृत कॉरिडोर है जिसमें रेक के लिए 4 पूरी लंबाई वाली ट्रैक और इंजन एस्केप के लिए 1 ट्रैक है। कुल मिलाकर ट्रैक की लंबाई 8.2 किलोमीटर है। साइडिंग में स्टेशन की दो मंजिला इमारत है, पटरियों के किनारे गार्ड और ड्राइवरों के लिए समर्पित मार्ग, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंटरलॉकिंग और बहुत कुछ शामिल है। MSIL की गुरुग्राम और मानेसर फैसिलिटी में निर्मित मॉडल इस रेलवे साइडिंग से 17 हबों में भेजे जाएंगे, जहां से इन्हें देश भर के 380 शहरों में भेजा जाएगा। कंपनी द्वारा निर्यात के लिए उपयोग किए जाने वाले मुंद्रा और पीपावाव बंदरगाहों में भी यहां से रेल के माध्यम से वाहन भेजे जाएंगे। रेलवे साइडिंग के पूरी क्षमता के साथ काम करने पर 450,000 वाहनों की डिस्पैच क्षमता होगी।
वित्त वर्ष 2014-15 से MSIL ने रेलवे के माध्यम से संचयी रूप से 2.5 मिलियन (25लाख) वाहन भेजे हैं। इसका ग्रीन लॉजिस्टिक्स प्रयास जलवायु संरक्षण के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG) संख्या 13 के अनुरूप हैं, जो स्वच्छ, हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए कंपनी के दृष्टिकोण को मजबूत करता है।

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