
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन मड़धूरा में करने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने निदेशक सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज, जिला अधिकारी पिथौरागढ़ और कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 फरवरी की तिथि नियत की गई है। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ के मड़धूरा में इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा 14 करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च किया गया है। अब सरकार यहां पर भूस्खलन का खतरा बता रही है। इसलिए अब नई जगह इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए भूमि तलाशी जा रही है। याचिका में कहा गया है कि मड़धूरा में सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने अपने चारागाह, जंगल और अन्य नाप भूमि दान में दी।जनहित याचिका में कहा गया है कि अब सरकार इस जगह को सुरक्षित नहीं मान रही है। मड़धूरा में कॉलेज के लिए बने भवन के आसपास हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराने की भी मांग की गई है। वर्तमान समय में इंजीनियरिंग कॉलेज जीआईसी में चल रहा है। मामले की पैरवी न्यायमित्र ललित सिंह सामंत ने की। गौरतलब है कि उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला पहाड़ी क्षेत्र है। पहाड़ी इलाका होने के साथ ही ये जिला दुर्गम भी है। भूकंप की दृष्टि से भी पिथौरागढ़ जोन फाइव में आता है। यहां आए दिन भूस्खलन होता रहता है। पिछले दिनों कई बार चलते वाहनों के ऊपर पहाड़ से पत्थर गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं।