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डॉ. संधु द्वारा जड़ी-बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा पर जाने क्या होंगे लाभ ?

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सम्बन्धित विभागों एवं हितधारकों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने हितधारकों से वार्ता कर उन्हें इस व्यवसाय में आ रही समस्याओं और सरकार द्वारा दिये जाने वाले सहयोग के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की। कहा कि प्रदेश को प्रकृति ने जड़ी बूटियों से भरपूर वन सम्पदा और इसके उत्पादन के लिए उचित प्राकृतिक वातावरण दिया है, जिसे प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं प्रदेश की आर्थिकी बढ़ाने में उपयोग किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने इसकी पॉलिसी तैयार करते समय सभी हितधारकों के अच्छे सुझावों को शामिल करते हुए एक ऐसी पॉलिसी तैयार किए जाने के निर्देश दिए जिससे एक सकारात्मक माहौल तैयार हो। उन्होंने आमजन में जड़ी बूटियों और औषधीय पादपों के सम्बन्ध में छोटे छोटे वीडियोज के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। अधिक से अधिक वन मेलों का आयोजन कर अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों में जड़ी बूटी उत्पादन के साथ ही वैल्यू एडीशन एवं अन्य प्रकार के कार्यों के लिए स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएं। प्रदेशभर में खाली बंजर पड़ी जमीनों में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने, इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल करते हुए शोध एवं विकास की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिए जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने उत्पादन से लेकर मार्केटिंग आदि से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी तैयार कर सभी को प्रशिक्षित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ड्रग मैनुफैक्चरिंग लाईसेंस की प्रक्रिया को भी सरलीकृत किया जाए एवं मार्केटिंग और रिटेल आउटलेट को भी अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। बैठक के दौरान हितधारकों की ओर से भी अच्छे सुझाव प्राप्त हुए, जिन्हें मुख्य सचिव ने पॉलिसी में भी शामिल किये जाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एपीसीसीएफ जी.एस. पाण्डे, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निर्पेन्द्र चौहान सहित हिमालयन हील, डॉबर इण्डिया लिमिटेड, पतंजलि, मुल्तानी फार्मासियूटिकल्स एवं इस व्यवसाय से जुड़े विभिन्न हिताधारक एवं प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।

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