आतंक नहीं, अमन चाहिए , इंसानियत को जीवन चाहिए।

बिजनौर – ( नजीबाबाद ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मासूम पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। आज इकबाल चौधरी एडवोकेट के मालदार मार्किट स्थित कार्यालय पर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए कैंडल मार्च निकाला गया व शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई। मार्च में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर भाग लिया और आतंक के खिलाफ एक स्वर में हुंकार भरी। सभी ने मिलकर यह संदेश दिया कि जब बात देश की एकता और अखंडता की आती है तो पूरा भारत मज़बूती से एक साथ खड़ा होता है। आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का संकल्प सभी ने दोहराया।इस दौरान इकबाल चौधरी ने कहा, “हम अपने मासूम शहीदों की कुर्बानी को जाया नहीं जाने देंगे। आतंक के खिलाफ हर मंच पर लड़ाई जारी रहेगी।” सरदार मनमोहन सिंह ने कहा, “यह समय एकजुट होने का है। अब आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लेना होगा।” सरदार बलबीर सिंह ने कहा, “पहलगाम के शहीदों की चीखें हमें चैन से बैठने नहीं देंगी, अब निर्णायक कदम उठाने का समय है।” हाफिज कदीर ने कहा, “आतंकियों को इंसानियत का दुश्मन मानकर दुनिया से मिटाना होगा। अब देशवासी और सरकार दोनों को कठोर होना होगा।” ज़ीशान नजीबाबादी ने कहा, “पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। अब उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करना ज़रूरी है।” शरीफ अहमद ने कहा, “आज का यह कैंडल मार्च आतंक के खिलाफ जनआक्रोश का प्रतीक है। हम शहीदों को इंसाफ दिलाकर ही दम लेंगे।” अनीस अहमद खान ने कहा, “आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमें एकजुट रहकर इसका हमेशा के लिए खात्मा करना होगा।”आम नागरिकों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं तक, हर चेहरा ग़म और ग़ुस्से से भरा था। मार्च में शामिल लोगों ने कहा कि आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए अब केवल निंदा नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।इस मौके पर इकबाल चौधरी, सरदार मनमोहन सिंह, सरदार सर्वजीत सिंह, सरदार बलबीर सिंह, हाजी शमशुल इस्लाम, हाफिज कदीर, शरीफ अहमद, आज़म एडवोकेट, वकील अहमद, लियाकत खान, अनीस अहमद खान, सुल्तान अहमद, ज़ीशान नजीबाबादी, हसनैन अंसारी, शाकिर अंसारी, रागिब चौधरी, शाकिर सैफी, आदिल खान, अबरार अहमद, हरेंद्र चौधरी, वकार अहमद सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और आम नागरिक मौजूद रहे।सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और यह संकल्प लिया गया कि आतंक के खिलाफ यह जंग तब तक जारी रहेगी जब तक देश में अमन और शांति पूरी तरह स्थापित नहीं हो जाती।