आजादी के राष्ट्रीय पर्व को संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही गर्व से मनाया जाता है। – जितेंद्र कक्कड़।
बिजनौर – ( नजीबाबाद ) नजीबाबाद निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवम् समाज सेवी जितेंद्र कक्कड़ जी ने हमसे बात करते हुए बताया कि 15 अगस्त आजादी के राष्ट्रीय पर्व को संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही गर्व से मनाया जाता है। आजादी के 78 वें पर्व में प्रवेश कर रहे हैं। जहां आजादी के परवानों को आमजन उनकी कुर्बानियों की याद में कविताएं लेख अपने विचार और छात्राें द्वारा उनकी कुर्बानियों के किस्सो को अपने-अपने स्कूल के कार्यक्रमों में कॉलेज के कार्यक्रमों में अपनी ओर से नाटकीय रूप में याद करेंगे।अनेक बच्चे अपने-अपने नौजवानों की याद में कार्यक्रम करेंगे, और उनका सदा अपनी यादों में समा कर रखें।ऐसा प्रण लेकर देश के प्रति अपनी सेवाएं अपने कर्तव्य को करने की शपथ लेंगे।और वही उपलब्धियां के प्रति लाल किले के प्रचुर से हर वर्ष की भांति देश की उपलब्धियां पर और देश के अन्य विषयों पर भी चर्चा की जाएगी। वहीं पर पक्ष अपनी भूमिका और विपक्ष अपनी भूमिका पर देश के प्रति अपने विचारों काआदान-प्रदान करेंगे। जिससे देशवासियों को पता चलेगा,कि देश हमारा किस स्थिति में है,और कैसा चल रहा है, उसमें क्या सब कुछ ठीक है या कोई कमी है। कौन-कौन से काम हुए हैं।कौन से होने की श्रेणी में हैं। कौन से हुए कौन से नहीं हुए कौन से नुकसान में कौन से लाभ में है।हमेशा इनही चर्चाओं पर विचारों का आदान प्रदान होगा। लोकतंत्र की खूबसूरती बनाए रखने के लिए इस प्रकार के विचारों का आदान-प्रदान होना अति आवश्यक है।देश और जनता के हितों की रक्षा के लिए विचारों का गुलदस्ता नई पीढ़ी के लिए संदेश देकर जाता है। अपने ज्ञान से आम जनता और नई पीढ़ी देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझने में सशक्त होती है। और देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के लिए सदैव तत्पर रहती है। 15 अगस्त 2024 को 77 वें स्वतंत्रता दिवस के आगमन पर 2024 के चुनाव में जनता ने अपना संदेश देकर देश के लोकतंत्र की आस्था को मजबूत किया है। जहां विपक्ष पूरे जोरो से जनता की आवाज को सरकार के सामने रखता है। यही खूबसूरती लोकतंत्र की मानी जाती है।और वही सत्ता पक्ष अपने उपलब्धियां पर अपना पक्ष रखता है,और अपने द्वारा किए गए कार्यों का बखान कर लोकसभा में सभापति के सामने बोलते हैं। आमजन लोकसभा और राज्य सभा के वीडियो को यू ट्यूब पर भी बड़े मनन से सुनता है।जिसके क्लिप आम जनता को उपलब्ध कराए जाते हैं।जहां पक्ष और विपक्ष अपने-अपने बातें रखते हैं।जनता को पता चलता है,कि हम लोकतंत्र में जी रहे हैं।क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत स्थिति के लिए विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी है।अपना मैंडेट देकर जनता ने साबित कर दिया है,कि हमारे वोट के बिना आपके पद की कोई अहमियत नहीं है।हमारे वोट की ताकत आपको देश के प्रमुख पदों पर पहुंचा कर संसार भर में आपका डंका बजवाती है। वहीं जनता लगाम कसने पर देर नहीं लगाती।जब हम अपने कर्तव्य करने में असफल होते हैं?यह सदा मान लिया जाना चाहिए कि लोकतंत्र में जो उंगली पर नीला निशान लगता है। वह भावी राजनीति के कर्तव्यों को निभाने के लिए सदा कटघरे में खड़ा रखती है? हमें कंस से आजादी मिली हिरनयर्णय कश्यप से कौरवों से मुगलों से अंग्रेजों से और कांग्रेस से आजादी मिली।काग्रेस को भी जनता ने सबक सिखा कर उसके अहंकार को चकनाचूर किया है। तो देश की भावी राजनीति भी इस बात का अनुसरण करेगी कि हमें जनता के हितों के लिए क्या करना चाहिए? जिससे की जनता हमारे उपलब्धियां पर अपनी मोहर लगा सके।याद रहे कि सदा किसी की नही रही। महाराजा रणजीत सिंह की सल्तनत को दुनिया भर में आज याद किया जाता है।याद रखने का मतलब है, कि जनता के हित में किए गए कार्य आपको इतिहास में याद रखते हैं। नहीं तो शासको का आना और जाना एक आम बात है।क्योंकि कहावत के अनुसार सदा किसी की नहीं रही। प्रकृति के नियम अनुसार बदलाव होते ही रहते हैं। आजादी के इस पर्व को जनता के हितों को हित में रखकर लोकतंत्र की महिमा को बरकरार बनाए रखें। जिससे कि इतिहास आपकी यादों को अपने पन्नों पर संजोग कर रखे और भावी पीढ़ी उसको पढ़कर अनुसरण करें। ना कि भला बुरा कहे। जैसे की बहुत सारी सड़कों का निर्माण किया गया बहुत सारे पुलों का निर्माण किया गया। बहुत सारे पुल एक माह के अंदर धराशाही भी हो गए। अनेक सडके पानी के एक बाहव में खत्म हो गई है।यहां तक प्रतिनिधि किसी की बात सुनकर राजी नहीं है?सब कुछ जनता देखती हैं।बहुत सारी उपलब्धियां है पर प्रश्न चिन्ह तो कमि यों पर ही लगता है। कमियों के ऊपर विपक्ष की आवाज और पक्ष की सेवाएं ही किए गए कार्यों का अवलोकन करते हैं।और सुधार तभी ठीक होते हैं? जब उसके किये गए कार्यों पर डंडा चलता है? आजादी के पर्व पर जनता भी संकल्प ले,और विपक्ष को मुख्य भूमिका में रखकर पक्ष को राज करने की चाबी दे। राजनीतिक पार्टी कोई भी हो इसको जनता को नहीं सोचना चाहिए। जो काम कर सके उसको वोट देकर अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए बहुत जरूरी है। जिससे पक्ष का अहंकार के पीछे विपक्ष का डंडा खड़ा रहे। तभी जनता के हितों की रक्षा होगी। लोकतंत्र की रक्षा होगी। संविधान के तहत देश चलेगा नहीं तो ऐसा ना हो कि हम हजारों साल पीछे चले जाएं और अपने मुंह को बंद रखकर खुले हाथों की हथकड़ियां में असहज महसूस करें। आजादी के परवानों को जनता के हितों की रक्षा के लिए एक बार फिर हम दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं। और उनको अपनी याद में बसाए रखें।आजादी का असली मकसद और उनके बलिदान का कर्ज आजादी के परवानों को याद रखकर ही चुकाया जा सकता है।