उत्तराखंड

जिस गुरु के स्मरण मात्र से सब दुख दूर हो जाएं वे हैं बाला प्रीतम सूर्यकांत धस्माना

  • अष्टम गुरु हरिकृष्ण जी के आगमन पर्व पर सजा पटेलनगर में दीवान
  • सिख पंथ के सबसे छोटी उम्र में सबसे छोटे कार्यकाल के लिए गुरु बने गुरु हरीकृष्ण जी

देहरादून: सिख पंथ के आठवें गुरु श्री हरीकृष्ण साहब का आगमन पर्व पश्चिम पटेलनगर गुरुद्वारे में धूम धाम से संपन्न हुआ । तीन दिन चले आगमन पर्व पर आज गुरुद्वारा श्री हरिकृष्ण साहब में गुरु का दीवान सजा जिसमें देश के प्रसिद्द रागी भाई गगनदीप सिंह एवं उनके जत्थे ने शब्द कीर्तन से संगतों को निहाल किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने गुरुद्वारे में माथा टेक गुरु का आशीर्वाद लिया और संगतों को गुरु पर्व की बधाई देते हुए कहा कि अष्टम गुरु हरिकृष्ण साहब जी ऐसे महान गुरु थे जिन्होंने सिख इतिहास में सबसे कम उम्र में गुरु गद्दी को संभाला और केवल दो साल पांच महीने चौबीस दिन गद्दी में रहते हुए अल्प काल में ऐसे कर्म किए कि वे बाला प्रीतम के नाम से अमर हो गए। केवल पांच वर्ष की आयु में पंथ के गुरु गद्दी में विराजना और फिर छोटे से कार्यकाल में इतने महान पद को प्राप्त करना यह दुनिया के इतिहास में अद्भुत और चमत्कारिक घटना है। धस्माना ने कहा कि गुरु हरिकृष्ण साहब ने गूंगे से गीता बुलवा दी और दिल्ली में फैली चेचक की बीमारी से ग्रस्त लोगों की सेवा कर सिख पंथ को मानने वाले लोगों को एक ऐसा संस्कार दे दिया कि उनके जाने के सदियों बाद भी आज सिख सेवा की उस परंपरा को सर माथे पर धारण सामान्य स्थितियों से लेकर कर हर मुश्किल घड़ी में सेवा में सबसे आगे रहते हैं और कोरोना काल में पूरे देश और दुनिया ने उसको अनुभव किया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार हरमोहिंदर सिंह व ने धस्माना को गुरु घर का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी को भी सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में दिनेश कौशल, आनंद सिंह पुंडीर सरदार जसविंदर सिंह मोठी सरदार बी एम सिंह, सरदार करतार सिंह, गोपाल गड़िया आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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