जोशीमठ से औली तक सड़क का होगा चौड़ीकरण, तैयार हो रहा डीपीआर
चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) से विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली के लिए जोशीमठ से औली तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव मांगा है।बीआरओ की ओर से भी जोशीमठ से औली तक 14 किमी क्षेत्र में डबल लेन के बजाय डेढ़ लेन हाईवे को चौड़ीकरण के लिए उपयुक्त मानते हुए सर्वे कार्य किया है।
बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप देकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजा जाएगा। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली जाने के लिए जोशीमठ से 14 किमी सिंगल लेन सड़क मार्ग है, जिससे पर्यटन सीजन में इस मार्ग पर आए दिन जाम लगता है।
शीतकाल में औली में बर्फबारी के बाद तो स्थितियां चिंताजनक होती हैं। एक तरफ से संकरी सड़क व दूसरी ओर बर्फ। ऐसे में पर्यटकों को इस खूबसूरत पर्यटक स्थल की सैर को लेकर जाम के कटु अनुभवों से गुजरना पड़ता है। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। पहले पर्यटक रोपवे से भी औली का दीदार करते थे। लेकिन, इस वर्ष जनवरी में जोशीमठ में भूंधसाव के बाद रोपवे भी बंद पड़ा है। रोपवे के फिलहाल खुलने के आसार नहीं हैं। ऐसे में एक मात्र सड़क मार्ग ही औली जाने का रास्ता है।
स्थानीय निवासियों की मांग पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया था कि वे औली तक बेहतर सड़क का निर्माण कराएंगे। बताया गया कि सीमा सड़क संगठन से जोशीमठ से औली तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव मांगा गया है।
जिस पर सीमा सड़क संगठन ने औली तक सर्वे किया है। इस सर्वे में औली तक डेढ़ लाइन सड़क मार्ग के चौड़ीकरण को न्यूनतम आठ व अधिकतम नौ मीटर उपयुक्त बताया गया। इस मोटर मार्ग के चौड़ीकरण में जोशीमठ से सुनील गांव तक स्थानीय लोगों की भूमि अधिग्रहण होनी है। ऐसे में बीआरओ भूमि अधिग्रहण सहित चौड़ीकरण को लेकर डीपीआर बनाने में जुटा हुआ है।
औली देश-दुनिया के स्की प्रेमियों की पहली पसंद रही है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त स्की स्लोप है। दक्षिण मुखी स्की स्लोप स्कीयरों की पहली पसंद रही है। औली में विंटर गेम का अंतरराष्ट्रीय आयोजन 2011 में हो चुका है। नेशनल गेम यहां आयोजित होते रहते हैं। पांच से सात किमी में फैले औली की ढलानों में घूमने के लिए यहां चेयर लिफ्ट लगी हुई हैं। साथ ही औली में स्कीइंग के अलावा ट्रेकिंग, घुड़सवारी का भी आनंद लिया जाता है।
औली तक सड़क चौड़ीकरण के लिए बीआरओ डीपीआर बना रहा है। डीपीआर के अनुसार धनराशि उपलब्ध होने के बाद ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य अमल में लाया जाएगा। – कर्नल अंकुर महाजन, कमांडर सीमा सड़क संगठन