चमोली: बद्रीनाथ धाम मंदिर परिसर में बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों, कर्मचारियों और श्रद्धालुओं ने हिमालय बचाने के संकल्प को लेकर प्रतिज्ञा की। प्रतिज्ञा में सभी ने हिमालयी पर्यावरण, संस्कृति और जीवन पद्धति को सुदृढ कर बचाने का संकल्प लिया गया। हिमालय भारत देश के एक बड़े भू-भाग को ही आच्छादित नहीं करता बल्कि हिमालय भारत देश का ताज भी है। हिमालय भारत की सीमाओं को सुरक्षा भी प्रदान करता है और दुश्मन देशों के लिए चुनौती बनकर देश की सुरक्षा, जलवायु, जन-जीवन और विभिन्न गतिविधियों को प्रभावित कर जीवन जीने की स्थिति बनाता है। इसी माह 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है। भारत देश के साथ ही एक बड़े भू-भाग पर हिमालयी पर्वत श्रृंखला जलवायु परिवर्तन के साथ ही जीवन पद्धति को निर्धारित करता है। बद्रीनाथ धाम अपने आप मे उच्च हिमालयी क्षेत्र में आता है और हिमालय बचाने की प्रतिज्ञा धाम में लिया जाना विश्वभर के लिए एक बड़ा संदेश है। इस अवसर पर बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, रावल अमरनाथ नंबूरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, नगर पंचायत ईओ सुनील पुरोहित, आईटीबीपी के नरेश कुंवर, वन विभाग बद्रीनाथ रेंज से अजय सिंह रावत समेत मंदिर समिति के अधिकारी व कर्मचारी, वन विभाग बद्रीनाथ रेंज के कर्मचारी मौजूद रहे।
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