नंद घर की स्वास्थ्य पहल से वाराणसी में परिवर्तन
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वाराणसी : विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, जब दुनिया इस पर विचार कर रही है कि हर किसी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ कैसे मिल सकती हैं, वहीं नंद घर बड़े बदलाव लाने का एक सार्थक उदाहरण बनकर सामने आया है। नंद घर एक प्रमुख महिला और बाल कल्याण प्रोजेक्ट है, जिसका संचालन अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ), वेदांता की सामाजिक इकाई करता है। आफ पूरे भारत में महिलाओं और बच्चों की मदद करने पर केंद्रित है। इस प्रकार, नंद घर इन क्षेत्रों में कई लोगों के जीवन को बेहतर बना रहा है। यह प्रोजेक्ट आधुनिक आँगनवाड़ियों का एक समूह है, जो प्रारम्भिक बाल विकास से परे उनके कल्याण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है। वे कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे- पूर्व प्राथमिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य की जरूरतें। साथ ही, वे महिलाओं को नए कौशल सीखने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करते हैं। कुल मिलाकर, प्रोजेक्ट नंद घर समुदायों को भविष्य के लिए मजबूत और स्वस्थ बनने में मदद कर रहा है।
अपने अनुभव साझा और आभार व्यक्त करते हुए, संगीता ने कहा, “मेरे सबसे बुरे और अंधेरे से भरे समय में नंद घर मेरे जीवन में आशा की किरण बनकर आया। एएनएम की सलाह और प्रोत्साहन से न सिर्फ मुझे गर्भधारण करने में मदद मिली, बल्कि इनसे मुझे अपने स्वास्थ्य के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया। मैंने भी दृढ़ संकल्प लिया है की अपने गाँव की उन सभी महिलाओं की मदद करूँ, जो इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं।” संगीता की मातृत्व की सुखद यात्रा यह दर्शाती है कि नंद घर के स्वास्थ्य देखभाल के लिए किए जा रहे प्रयास वास्तव में जीवन को किस तरह बेहतर बना सकते हैं।
नंद घर लोगों के स्वास्थ्य संकेतक में सुधार लाने और साथ ही पूरे भारत में स्थानीय समुदायों तक अपनी पहुँच स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वाराणसी इसके प्रभाव का सार्थक उदाहरण पेश करता है, जहाँ आराजीलाइन ब्लॉक के धधोरपुर गाँव की रहने वाली 28 वर्षीय संगीता को नंद घर के समर्थन से अपने स्वास्थ्य की समस्याओं से राहत मिली। वे किशोरावस्था से ही एनीमिया और अनियमित मासिक धर्म की समस्या से ग्रसित थीं। शादी के बाद संगीता पर संतान के लिए दबाव बढ़ने लगा, जिसका उनके पास कोई समाधान नहीं था। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में, नंद घर उनके जीवन में आशा की किरण बनकर आया।
जनवरी 2023 संगीता के जीवन में अपार खुशियाँ साथ लेकर आया, जब नंद घर की सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) के बारे में संगीता को जानकारी मिली। एएनएम ने न सिर्फ गर्भवती होने के बारे में संगीता की गलतफहमियों को दूर किया, बल्कि प्रजनन स्वास्थ्य पर उन्हें महत्वपूर्ण सलाह भी दी। उन्होंने संगीता को आवश्यक पूरकों की जानकारी दी और उन्हें अपने स्वास्थ्य के लिए सूचित निर्णय लेने में मदद की। आखिरकार नंद घर की मदद और प्रोत्साहन से, संगीता का माँ बनने का सपना सच हुआ और उन्होंने दिसंबर 2023 में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
नंद घर का प्रभाव सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता की कहानी तक ही सीमित नहीं है। इस प्रोजेक्ट के तहत, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने 1,00,000 से अधिक गर्भवती और धात्री कराने वाली महिलाओं, लगभग 58,00,000 सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लाभार्थियों और 1,70,000 से अधिक महिलाओं की मदद की है। स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाकर, नंद घर समुदायों को समग्र रूप से स्वस्थ बनाने में योगदान दे रहा है। 25-30 नंद घरों के प्रत्येक समूह में मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) या टेलीमेडिसिन किट या स्वास्थ्य शिविर की उपलब्धता सुनिश्चित की है । उक्त इकाइयाँ डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स से सुसज्जित हैं, जो महत्वपूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं। वे सिर्फ तत्काल चिकित्सा जरूरतों में ही मदद नहीं करते हैं, बल्कि आपातकालीन स्थिति में लोगों को निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में रेफर करने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
आफ समुदायों को सशक्त बनाने, जीवन में उचित बदलाव लाने और सतत विकास को बढ़ावा देने में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है, यही वजह है कि नंद घर समुदायों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हुए, भारतवर्ष में समुदायों के जीवन में बदलाव लाने के अपने दृढ संकल्प को पूरा कर रहा है।