उत्तराखंड

राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैरजमानती हुआ
देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 25 प्रस्ताव पास किए गए। इस दौरान धर्मांतरण का कानून सख्त करने का फैसला हुआ। अब उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती हुआ। इसमें 10 साल की सजा होगी। राज्य कैबिनेट की बैठक में 25 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस दौरान नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर बड़ा फैसला हुआ। बैठक में नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी में शिफ्ट करने की सैद्धांतिक मंजूर दी गई। नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की लंबे समय से मांग चल रही थी।
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि धर्मांतरण कानून सख्त बनाया जाएगा, इसमें 10 साल की सजा का प्राविधान होगा। नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। पशुपालकों को महंगे भूसे से राहत मिलेगी, सरकार ने सब्सिडी बढ़ाने का फैसला लिया है। भूसे और साइलेज पर सब्सिडी बढाई गई है। कौशल विकास केंद्र संचालकों को भुगतान के बदले नियम बदले गए हैं। अब तीन नहीं बल्कि चार किश्तों में संचालकों को प्रशिक्षण का भुगतान मिलेगा। सहकारिता की तर्ज पर दुग्ध विकास विभाग भी 75 फीसदी सब्सिडी देगा। अभी तक सब्सिडी 50 फीसदी थी। दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े 52 हजार पशुपालकों को इससे लाभ मिलेगा। बैठक में राजकीय सेवा में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।

उक्रांद ने किया हाईकोर्ट शिफ्टिंग का विरोध, कहा गैरसैंण में बने हाईकोर्ट
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाना पहाड़ विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। श्री ऐरी ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने वाली मानसिकता वही है जो राजधानी को गैरसैंण शिफ्ट किए जाने का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि राजधानी के मसले को देहरादून बनाम गैरसैंण करके सरकार ने उलझाया है। इसी मानसिकता के तहत हाई कोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने की बात हो रही है। काशी सिंह ऐरी ने अपने बयान में कहा कि यह समझ से परे है कि हाईकोर्ट के नैनीताल में होने से किस को नुकसान हो रहा था। काशी सिंह ऐरी ने कहा कि यदि किसी भी तरह की कोई परेशानी नैनीताल में हाईकोर्ट के होने से है तो सरकार को चाहिए कि गैरसैंण में राजधानी घोषित करें और हाईकोर्ट को भी गैरसैंण में शिफ्ट कर दे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को गैरसैंण शिफ्ट करना ही सही कदम हो सकता है, और इसी को लेकर पार्टी आगे की लड़ाई लड़ेगी।

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