
जयपुर के बाद अब देहरादून से शुरू करने जा रहे आंदोलन की दूसरी श्रृंखला
देहरादून । सुभाष नगर स्थित इमेजिनेशन एकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसको अश्विनी कुमार पृथ्वी वासी एवं प्रशांत आर्य ने संबोधित किया जिसमें इनटेंजिबल आर्ट के माध्यम से अश्विनी कुमार पृथ्वी वासी ने कला को एक नई परिभाषा देते हुए वैश्विक आह्वान और सामाजिक बदलाव के लिए इंगित किया है । ऐसे समय में जब कला का अधिकांश भाग व्यवसाय से जुड़ गया है प्रसिद्ध बहु आयामी कलाकार शिक्षाविद एवं दार्शनिक अश्विनी कुमार पृथ्वीवासी जी ने एक सशक्त व नई दार्शनिक अवधारणा प्रस्तुत की है इंटैंगिलिज्म तीन दशकों से अधिक प्रभावशाली यात्रा में लाखों जीवन को छूने वाले पृथ्वीवासी अब एक वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं जो कला को सामाजिक परिवर्तन का सीधा माध्यम बनाने की दिशा में कार्यरत है इनटेंजियलिज्म पारंपरिक और बाजार केंद्रित कला की धारणा को चुनौती देता है पृथ्वीवासी ने बताया कि सच्ची कला केवल सौंदर्य एवं आर्थिक मूल्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि निस्वार्थ भावना और साहस से और क्रोध होनी चाहिए उनके जीवन शैली और कार्य इसी दर्शन को प्रत्यक्ष रूप से दर्शाते हैं उन्होंने 20 से अधिक आत्मनिधि पोषित योग परियोजना के माध्यम से जन जागरूकता मुक्त शिक्षा पर्यावरणीय पहला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में व्यापक योगदान दिया है । वर्ष 2001 में उन्होंने पृथ्वीवासी नाम को कानूनी रूप से अपनाया जिसका अर्थ है पृथ्वी का निवासी उनका यह कदम जाति धर्म और राष्ट्रीयता जैसे सामाजिक विभाजनों के विरुद्ध एक सशक्त प्रतीक बन उन्होंने अपने बेटे का नाम भी अर्थीयन पृथ्वीवासी रखा ताकि यह विचार आने वाले पीड़ियों तक पहुंचे।