
देहरादून । विगत मंगलवार को एक आइएमटीसी का प्रतिनिधिमंडल गृह सचिव भल्ला जी से दिल्ली में मिला। भारत सरकार की तरफ से भल्ला जी ने आश्वासन दिया कि उक्त कानून अभी प्रभावी नही होगा। इसको प्रभाव मे लाने से पहले सरकार एक आइ एम टी सी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेगीफिर बैठक के निर्णय उपरान्त ही फैसला होगा। तब तक कानून की स्थिति पूर्ववत रहेगी। इस क्रम मे एआईएमटीसी के पदाधिकारियों ने हर राज्य एवं जिलास्तर पर शासन प्रशासन के साथ बैठकें की हमारा एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्याँकी जी के बुलावे पर सचिवालय में बैठक के लिए गया। जिसमे परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्याँकी जी सचिव मुख्य मन्त्री एवं आयुक्त गढ़वाल अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एवं आर टी ओ देहरादून के साथ उत्तराखंड के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने चर्चा ‘कर प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के लिए ज्ञापन दिया। हमारा व्यवसाय ड्राइवरों से जुड़ा ही नही बल्कि मूल आधार है। हम अपने सारथीयों को अपने व्यवसाय का पारिवारिक अंग मानते हैं। आखिर सारथियों की जीत हमारी जीत है। बैठक मे उपस्थित उत्तराखंड परिवहन कर्मचारी संघ एवं देहरादून ट्रांसर्पोट आपरेटर यूनियन के संरक्षक सूर्यकांत धस्माना, ए आइ एम टी सी के एम सी मेम्बर व प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद उनियाल, सचिव आदेश सैनी, एम सी मेम्बर मधुसूदन बलूनी, ट्रांसपोर्ट वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, सरदार जसविन्दर सिंह, राजेश अग्रवाल, राजेश गुप्ता, देहरादून ट्रक आपरेटर यूनियन के दिनेश नागपाल योगेश गम्भीर, शाहिद हुसैन उत्तराखंड बस आपरेटर महासंघ के मनोज ध्यानी, उत्तराखंड परिवहन महासंघ के सुधीर राय, हिलट्रक आपरेटर यूनियन के बडोनी जी, गजेन्द्र नेगी, ऋषिकेश ट्रक आपरेटर यूनियन के दिनेश बहुगुणा, टी जी एम ओके नेगी जी देवभूमि बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर एवं ट्रक आपरेटर कल्याण समिति के हरेन्द्र बालियान, दून कल्याण समिति से अनिल पाण्डेय, मनजीत, अशोक गुलियाना एवं सम्बन्धित सभी सदस्यों ने भाग लिया। इस महायज्ञ मे जिन लोगों ने हमारे ड्राइवर साथी भाईयों का व हमारा साथ दिया। जिन अन्य संगठनों ने अपना प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया अपने अपने स्थान पर रह कर प्रस्तावित कानून कां बिरोध किया और हमारे सारथी भाईयों को समर्थन दिया। हम शासन प्रशासन के भी आभारी हैं। जिन मिडिया वालों हमारी इस लड़ाई को प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रकाशित किया हम उनके आभारी हैं। लड़ाई अभी समाप्त भी नही हुई है स्थगित हुई है। समय आने पर हम सब एक हैं और रहेगें और यदि प्रस्तावित कानून सारथीयों एवं हमारे व्यवसाय के अनुकूल नही होगा हम अपनी एकता का प्रदर्शन करेंगे। जय भारत।