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उत्तराखण्ड राज्य एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश : राज्यपाल

 देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश है। हर घर से सेना में सेवा देना यहाँ के युवाओं का जज्बा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य के स्वतंत्रता से पूर्व के इतिहास में भी क्षेत्र के युवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान देकर अपनी वीरता का लोहा मनवाया है। देश पर बलिदान होने वाला हर पाँचवा सैनिक इसी वीरभूमि उत्तराखण्ड से आता है। उत्तराखण्ड के जाँबाज सैनिक अपनी वीरता, पराक्रम एवं सहभागिता के लिए विश्वभर में प्रख्यात हैं। इसी कारण हर वर्ष तकरीबन 20-30 सैन्य अधिकारी/सैनिकों को वीरता पदकों से नवाजा जाता है।

राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh की विशेष पहल पर, प्रदेश के इन्हीं वीर सैनिकों की अतुलनीय सेवाओं, वीरता और सामाजिक योगदान को सम्मानित करने हेतु ‘एक शाम सैनिकों के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन बुधवार, 11 जून, 2025 को राजभवन नैनीताल में किया जाएगा। यह आयोजन राज्यपाल द्वारा आरंभ की गई उस अभिनव पहल का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पूर्व में देहरादून में सफलतापूर्वक यह कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। अब इसे कुमाऊँ मण्डल में विस्तार देते हुए नैनीताल में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के वीरता पदक प्राप्त सैनिकों, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्हें प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए जाएंगे, जो उनकी सेवाओं के प्रति राज्य की कृतज्ञता का प्रतीक होंगे।

इस कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विशिष्ट अतिथि, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहेंगे। उत्तराखण्ड केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि वीरभूमि भी है। यहां के अनेक वीर सपूतों ने राष्ट्र की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह कार्यक्रम उन महान योद्धाओं को हमारी श्रद्धांजलि और कृतज्ञता अर्पित करने का प्रयास है। यह आयोजन निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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