उत्तराखंडदेहरादून

पुरस्कार वितरण के साथ राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर का हुआ समापन

  • सात दिवसीय गौचर मेले का लोगों ने जमकर लिया आनंद, अंतिम दिन प्रियंका मेहरा ने बांधा समां

गौचर / चमोली। 71 वां राज्य स्तरीय राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर पुरस्कार वितरण समारोह के साथ संपन्न हो गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक एवं बदरी – केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि जब तक हम 90 प्रतिशत तक गढ़वाली उत्पादों को बाजार में नहीं बेच पाते हैं तब तक मेले की सार्थकता नहीं रह जाती है। विशिष्ट अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश नेगी ने सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुये कहा कि बेरोजगार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुऐ सेना की रेगुलर भर्ती होनी चाहिए। कहा कि गौचर मेले को तकनीकी दृष्टि से और अच्छा बनाये जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गणेश गोदियाल, मुकेश नेगी, सहित मेला आयोजकों द्वारा सात दिवसीय इस मेले में फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रास कंट्री दौड़, स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व मार्च पास्ट प्रतियोगिता, महिला मंगल दल की रस्साकसी, युवक मंगल दल की कबड्डी प्रतियोगिता, बैडमिंटन एकल एवं युगल, रस्सी कूद, जलेबी दौड़, तीन टांग दौड़, गुब्बारा दौड़, चैस आदि प्रतियोगिताओं में विजेता एवं उप विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी विभागों, मेला मैदान में सर्वश्रेष्ठ स्टालों, दुकानों तथा मेले में सहयोग करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी मेला कमेटी की ओर से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मेलाधिकारी / उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग सन्तोष कुमार पाण्डेय, मेला उपाध्यक्ष एवं पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, मेला सचिव / मुख्य प्रशासनिक अधिकारी तहसील कर्णप्रयाग मुरली धर आर्य, मेला कोषाध्यक्ष / तहसीलदार कर्णप्रयाग सुरेन्द्र देव, आईटीबीपी गौचर के सेनानी हफीजुल्लाह सिद्दीकी, प्रधानाचार्य राइका गौचर डॉ केएस भंडारी, व्यापार मंडल अध्यक्ष राकेश लिंगवाल, थानाध्यक्ष देवेन्द्र रावत, चौकी प्रभारी मानवेन्द्र गुसाईं, बिजय प्रसाद डिमरी, ताजबर कनवासी, जगदीश कनवासी, सुनील पंवार, इन्दू पंवार, रजनी लिंगवाल, संदीप नेगी, ईश्वरी प्रसाद मैखुरी, राजेश्वरी नेगी, मुन्नी देवी आदि मौजूद रहे। वहीं मेले की अंतिम एवं छठवीं संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रियंका मेहरा के गानों पर जहां दर्शक देर रात तक खूब थिरके वहीं दिन में हुये शिक्षण संस्थाओं द्वारा चल बैजन्ती कार्यक्रम, अलकनंदा सांस्कृतिक एवं विकास संस्था पनाई गौचर आदि की टीमों द्वारा भी बेहतरीन प्रस्तुतियों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

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