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देव दीपावली के मौके पर रिस्पना नदी के उदगम स्थल के तट पर दिखाई दिया देवलोक जैसा दृश्य, साक्षी बने लोग….

देहरादून/ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को हर्ष और उल्लास के साथ मंदिर महादेव महाकालेश्वर तुलतुलिया राजपुर देहरादून मे रिसपना नदी के उद्गम स्थल ऋषिपर्णा घाट ( रिस्पना नदी के तट ) पर 5100 देशी घी के दीपक जलाकर देव दीपावली पर्व मनाया गया |

कार्तिक महीने की अमावस्या पर जहां पूरा देश दीपक जलाकर दीपावली मनाता है, वहीं दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक महीने की पूर्णिमा को देवता दीपावली मनाते हैं। दैवीय कृपा के कार्तिक मास की पूर्णिमा ऊर्जा से परिपूर्ण होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर का वध हुआ था। इसकी प्रसन्नता में सभी देवता भगवान शिव की नगरी काशी पहुंचे। फिर गंगा स्नान के बाद दीप दान कर खुशियां मनाई। इसी दिन से पृथ्वी पर देव दिवाली मनाई जाती है।

मंदिर महादेव महाकालेश्वर तुलतुलिया राजपुर देहरादून मे सोमवार को देव दीपावली के उपलक्ष में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिव पार्वती विवाह पश्चात दिखाया गया कि प्रथम पूज्य देव श्री गणेश का एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश सिर धड़ से अलग कर दिया था, जब उन्होंने मां पार्वती को मिलने से रोका था। बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाया गया था।

कार्यक्रम में सोमवार की सांझ की बेला में कार्तिक पूर्णिमा पर जब हजारों दीप एक साथ जले तो यहां देवलोक सा दृश्य सामने आ गया। कार्तिक मास की आखिरी सांझ में अद्भुत, अलौकिक, अनुपम छटा देख इस पल के साक्षी बने लोगों का रोम-रोम पुलकित हो उठा। इससे देव दीपावली की आभा पूरी दुनिया में फ़ैल रही है।

मंदिर प्रांगण में सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी ऋषिपर्णा नदी के तट पर हजारों दीपों, रंगोली, मनमोहक कलाकृतियों और अनेकों प्रकार की अतिस्बाजियो ने अद्भुत और अलौकिक छटा बिखेरी। यह पहला मौका है, जब मंदिर महादेव महाकालेश्वर तुलतुलिया राजपुर देहरादून मे बड़ी संख्या ने इस अलौकिक, अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण को अपनी आंखों के सामने देख खुद को गौरवान्वित महसूस किया।

समयानुसार कार्यक्रम का समापम फूलो की होली के साथ किया गया एवं इसके बाद महादेव को भोग लगाकर भंडारे का आयोजन किया गया।

इस दौरान छेत्रिय पार्षद ऊर्मिला थापा, मंदिर के संस्थापक परिवार से अजय गोयल ( सचिव बालाजी मंदिर झाज़रा ) व शक्ति सागर कौशिक, ताराचन्द , सचिन शर्मा, अशोक कृष्ण शास्त्री आदि मौजूद रहे |

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