पेयजल निगम के एसई प्रवीण व ईई जितेन्द्र के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

- साथी अधिकारी से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने दाखिल किया आरोप पत्र
- विभागीय कार्रवाई अब भी कागजों में ही दबी
- आरोपी अधिकारियों को क्यों बचाने में लगे विभागीय अधिकारी?
देहरादून। उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियन्ता प्रवीण राय, अधिशासी अभियन्ता जितेन्द्र सिंह देव ने अधिशासी अभियन्ता विशाल कुमार से गत 17 मई को मारपीट की थी। जिसमें पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। पुलिस ने अधीक्षण अभियन्ता प्रवीण राय, अधिशासी अभियन्ता जितेन्द्र सिंह देव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। लेकिन विभागीय जांच में दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पहले जो कहा जा रहा था पुलिस रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अब लगता है कि सांठ गांठ कर आरोपी अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में अधिकारियों को आचरण का पाठ पढ़ाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राज में भी अंधेरगर्दी हो रही है। जिसका ताजा उदाहरण उत्तराखण्ड पेयजल निगम में देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री के विभाग पेयजल निगम में ही खुली अनुशासनहीनता हुई। जिसमें सीनियर अधिकारी डंड़ो व बैट से खुले आम सड़कों पर लड़ते नज़र आई। विभाग के अधिकारी जांच करने में महीने भर का समय लगा दिया। पेयजल निगम के अधीक्षण अभियन्ता प्रवीण राय, अधिशासी अभियन्ता जितेन्द्र सिंह देव ने अधिशासी अभियन्ता विशाल कुमार को गत 17 मई को जल निगम कालोनी में बैट व डंड़ो से पीटा। जिसमें विभागीय जांच की गई और पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में दोनो आरोपी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस मामले को दबाए बैठे हुए हैं। यह मामला सीसीटीवी में भी कैद हो गया। विभागीय जांच में नियुक्त अधिकारियों ने सीसीटीवी व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। जिसे शासन में कार्रवाई के लिए भेजा गया था। लेकिन शासन में रिपोर्ट दबकर रह गई। शासन के अधिकारियों का कहना था कि पुलिस कार्रवाई के बाद ही शासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब तो पुलिस ने भी आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। अब क्यों आरोपी अधिकारियों को बचाया जा रहा है। ऐसा कौन सा अधिकारी है जो सांठ गांठ कर आरोपी अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है।
अपराधिक मामला है विभाग से कोई लेना-देना नहींरू निदेशक
देहरादून। स्वजल के निदेशक उदय राज का कहना है कि यह मामला अपराधिक है। पुलिस ने इन अधिकारियों को आरोपी माना है तो उनके लिखाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने पेयजल निगम कालोनी हो या कोई ओर कालोनी वह ऑफिस से बाहर का ही मामला है। अगर आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तारी होती है तो उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। आरोप पत्र की कॉपी अभी हमारे पास नहीं आई है। आरोप पत्र की कॉपी को मंगाया गया है। विभाग की ओर से अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
विभागाध्यक्ष को करनी है कार्रवाईः पंत
देहरादून। मुख्य अभियंता एस. सी. पंत का कहना है कि उन्हें इस मामले में जांच अधिकारी बनाया गया था। जिसमें सीसीटीवी फुटेज व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच में कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई विभाग अध्यक्ष करते हैं। मामला उनके समाने है जो भी कार्रवाई करनी है उन्हें की करनी है।
उच्च अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखेंगेः सीता राम
देहरादून। जीएम प्रशासन सीता राम का कहना है कि आरोप पत्र दाखिल होने की सूचना का पत्र उन्हें आज ही मिला है। उन्होंने कहा कि पुलिस से जल्द ही वह आरोप पत्र मगाएंगे और उसके आधार पर उच्च अधिकारियों को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों को ही इस मामले में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है।