उत्तराखंडदेहरादून

राज्य में अब तक 1633 हेक्टेयर जंगल चढ़ चुका वनाग्नि की भेंट

देहरादून। जून की शुरुआत से प्रदेश में जंगल जलने की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि नवंबर 2023 से अभी तक राज्य में 1633 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इस अवधि में राज्य की अलग-अलग जगहों पर आग के 1200 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान की मानें तो 12 जून के बाद प्री-मानसून की स्थिति बन सकती है। जिससे जंगलों में नमी की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही वन विभाग के संकट का दौर भी खत्म होगा। 31 मार्च तक उत्तराखंड में जंगलों की आग का दायरा कम होने से सिर्फ 32 हेक्टेयर जंगल ही चपेट में आया था। मगर हर बार की तरह अप्रैल में वनों के सुलगने का सिलसिला तेजी से बढ़ता चला गया। जिस वजह से काफी मात्रा में वन संपदा को नुकसान भी पहुंचा।

इसके अलावा वन्यजीवों के आशियाने पर भी संकट के बादल मंडराने लग गए। क्योंकि, गढ़वाल और कुमाऊं के आरक्षित वन क्षेत्र से वन्यजीव विहार जैसे सेंचुरी और टाइगर रिजर्व एरिया तक में घटनाएं सामने आईं। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में राज्य में सिर्फ राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगल में आग का मामला सामने आया। इस घटना में डेढ़ हेक्टेयर जंगल राख हो गया। ऐसे में वन विभाग को मानसून के दौर से काफी उम्मीद है। 12 से 14 जून के बीच प्री मानसून की संभावना जताई गई है। जंगलों में नमी की मात्रा बढ़ने पर ही जुलाई से पौधारोपण अभियान शुरू हो सकेगा।

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