दिव्यांगता के साथ फिटनेस भी जरूरी:स्वामी चिदानन्द सरस्वती

- दिव्यांगता के साथ फिटनेस भी जरूरी:स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- दिव्यागों के लिये विशेष योग शिविर का किया जायेगा आयोजन
- शरीर पर बिना अधिक दबाव डाले योग कर स्वस्थ रह सकते हैं दिव्यांग
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने एक छोटी सी बच्ची जो कि दिव्यांग है उसका योग प्रति उत्साह और लगन को देखकर कहा कि आगामी समय में हमारे दिव्यांग बच्चों व भाई-बहनों के लिये परमार्थ निकेतन में दिव्यांग योग शिविर का आयोजन किया जायेगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से मिलने के लिये सूरत से एक मासूम बच्ची अनवी अपने पिता के साथ आयी, उसके पिता ने बताया कि उसका शरीर 75 प्रतिशत काम नहीं करता, वह स्कूल नहीं जा सकती, उसे रोज बहुत सारी दवाई लेनी पड़ती है। वह केवल थोड़ा सा बोल पाती है। वह 1-20 तक गिनती नहीं कर सकती लेकिन वह योग कर सकती है और वह योगासन जानती भी है। मोदीजी भी उनके बहुत बड़े प्रशंसक हैं – घर पर मिले थे- 10 सितंबर – मोदीजी ने कहा बेटा मैं आपका कार्यक्रम देखूंगा – 4 मिनट खड़े रहे और कार्यक्रम देखा और सुझाव दिया कि योग करो और दिव्य बनो। उन्होंने कहा कि योग में अद्भुत शक्ति है, जो दिव्य बनना चाहता है, उन सभी को योग अनिवार्य रूप से करना चाहिए
स्वामी जी ने बच्ची का उत्साहवर्द्धन करते हुये कहा कि हम प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन करते हैं आप इसमें सहभाग कर सकती हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दिव्यांगों और उनके साथ रहने वालों के सामने कई चुनौतियाँ आती हैं। उनका दैनिक जीवन कुछ सीमाओं में बंधा होता हैं। हालाँकि, दिव्यांगता के साथ रहने का मतलब यह नहीं है कि फिटनेस के बारे में भूल जाये। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप खुद पर ज्यादा दबाव डाले बिना योग कर सकते हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली को पूरा करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है योग। आप स्वयं योग का अभ्यास करना तथा दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करना। योग का अभ्यास करने के बहुत सारे लाभ हैं, शरीर सक्रिय होने के साथ ही मस्तिष्क शान्त और संतुलित, तनाव और चिंता मुक्त रहता है। एक बार जब योग को अपनी दिनचर्या बना लेते हैं, तो आप अपनी गतिशीलता में वृद्धि कर सकते हैं। आपके लिए अपने कार्यों को करना आसान हो सकता है। योग के माध्यम से आपके शरीर, मन और मस्तिष्क का बेहतर समन्वय हो सकता है। शारीरिक में सुधार के साथ ही योग के अनेक मानसिक और भावनात्मक लाभ भी है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन दिव्यांग बालिकाओं को सहायक अंग वितरित करने हेतु अनेक शिविरों का आयोजन करता है, अब जरूरत है दिव्यागों के आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि के लिये योग शिविर का आयोजन किया जाये। परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें अनेकों देशों के योग जिज्ञासु और योगाचार्य सहभाग करते हैं परन्तु अब भावी योजना है कि दिव्यागों के आत्मविश्वास में वृद्धि के लिये योग शिविर का भी आयोजन किया जायेगा।