आर्य सुगंध संस्थान के मुख बधिर बच्चों ने बनाई अनोखी राखियां।
बिजनौर – ( मंडावली ) आर्य सुगन्ध संस्थान की प्रबंधिका कमलेश आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण की रक्षा के बारे में बच्चों को शिक्षित करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। जब हम जलवायु परिवर्तन, जंगल की आग, सूखे, पिघलते ग्लेशियर और अन्य प्राकृतिक व्यवधानों के बारे में सुनते हैं तो चिंता न करना मुश्किल होता है। पर्यावरण-चिंता एक ऐसा शब्द है जो पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में लगातार चिंता को संदर्भित करता है। इन दिनों, हमारे ग्रह की चिंताजनक स्थिति मीडिया में बहुत अधिक ध्यान आकर्षित करती है। नतीजतन, अधिक से अधिक लोग – यहाँ तक कि बच्चे भी – इस प्रकार की चिंता से पीड़ित हैं। लेकिन आज आर्य सुगन्ध संस्थान के बच्चों का कार्य देखकर मेरा दिल परफुलित हों गया। अभी कुछ दिन बाद भाई बहन के रिश्तों को मजबूत करने वाला रक्षा बंधन का पावन पर्व आने वाला है। रक्षा बंधन की तैयारियों को लेकर सुंदर – सुंदर राखी बनाई जा रही है। इस राखी के पर्व को ओर भी ज्यादा रंग बिरंगा करने के लिए आर्य सुगन्ध संस्थान के बच्चों ने राखी के बीच में सुंदर सुंदर फूल/पेड़/पौधो के बीज रखे ताकि राखी के टूटने पर जहां भी वो गिरे वहीं प्यारे प्यारे फूल एवम् पेड़ उग जाएं। और ये भाई बहन का पर्व और भी ज्यादा प्रगाढ़ एवं सुसज्जित हो जाएं। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अधिकांश राखियां मूक बधिर बच्चो द्वारा बनाई गई हैं।