उत्तराखंड

यात्रा मार्ग पर संचालित घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य गौरी मौलखी भी वीसी के माध्यम से मौजूद रही।

बैठक में अपर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई क्रूरता न हो इसकी निरंतर निगरानी करते हुए यदि किसी व्यक्ति द्वारा घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता की जाती है तो उनके विरुद्ध पशु क्रूूरता अधिनियम के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में बीमार अनफिट एवं घायल घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न किया जाए।

वीसी के माध्यम से पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य गौरी मौलखी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी तरह से कोई क्रूरता न हो इस पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है तथा यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों का फुल बाॅडी परीक्षण किया जाए तथा परीक्षण के दौरान जो अनफिट एवं कमजोर व घायल घोड़े-खच्चर हैं उनका किसी भी तरह से यात्रा में संचालन न किया जाए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा घायल एवं कमजोर घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाता है तो उन पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाए। यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों को पर्याप्त मात्रा में गरम पानी उपलब्ध हो एवं जो चरहियां हैं उनकी ठीक तरह से साफ-सफाई व्यवस्था की जाए तथा यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों का नियमित रूप से उचित स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाए।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक कुमार ने अवगत कराया कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए उचित उपचार उपलब्ध कराए जाने के लिए 4 पशु चिकित्सा इकाइयां स्थापित की गई जिसमें केदारनाथ, लिनचोली, गौरीकुंड व सोनप्रयाग शामिल हैं तथा घोड़े-खच्चरों के उपचार हेतु 7 डाॅक्टर तैनात किए गए हैं तथा यात्रा मार्ग में 21 स्थानों पर गरम पानी उपलब्ध कराने हेतु गीजरयुक्त चरहियों का संचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों में अब तक 2296 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया जा चुका है तथा नियमों का पालन न करने वाले 201 घोड़े-खच्चर संचालकों का चालान किया गया है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग में संचालित न किए जाने के लिए 300 घोड़े-खच्चरों को लाॅक कर दिया गया है। बैठक में वीसी के माध्यम से उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, डाॅ. अमित सिंह, इंचार्ज सुलभ इंटरनेशनल धनंजय पाठक सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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