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अंतिम गांव बना प्रथम गांव, पीएम मोदी ने लगाई थी मुहर : उत्तराखण्ड

देहरादून: उत्तराखंड में 3200 मीटर की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूर तथा भारत-चीन सीमा से 24 किमी दूर माणा गांव को ‘अंतिम भारतीय गांव’ होने का खिताब प्राप्त था, लेकिन BRO की पहल से अब ये भारत का पहला गांव बन गया है | सीमा सड़क संगठन द्वारा सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के स्थान पर अब पहले गांव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है |

21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अंतिम गांव के बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाई थी | पीएम मोदी ने कहा था- “मेरे लिए तो बॉर्डर पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है |”

पीएम मोदी ने कहा था, ‘‘अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है | पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया | इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक भी बता चुके हैं |

वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर पर्यावरण स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों को विकसित करना है |

धामी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएं जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं | इससे इन क्षेत्रों के उत्पादों जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहां विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे | इन क्षेत्रों में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है | मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी |

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