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मशरूम की खेती कर चमोली जिले की महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर

चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )

महिलाओं की आय को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यान विभाग लगातार कार्य कर रहा है। साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।मशरूम की खेती कर चमोली की महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर। चमोली में महिलाएं मशरूम की खेती कर अपनी आर्थिक मजबूत कर रही है। महिलाओं ने मशरूम की खेती कर अपनी अलग पहचान बनाई है। साथ ही हर मौसम में अलग-अलग सब्जी का उत्पादन के साथ ही मशरूम की खेती कर रही है। वहीं मार्केट में मशरूम को हाथों-हाथ लिया जा रहा है।

स्वरोजगार की ओर बढ़ रही महिलाएं मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। उद्यान विभाग चमोली द्वारा महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं द्वारा मशरूम उत्पादन कर अच्छी कमाई की जा रही है। गोपेश्वर मुख्यालय के तल्ला नेगवाड़ स्थित राज्यराजेश्वरी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा प्रशिक्षण लेकर मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया गया है। जिससे वह अच्छा उत्पादन कर अच्छी कमाई भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार की दिशा में यह एक अच्छा कदम है, महिलायें अच्छा काम कर रही हैं। बताया कि वो मशरूम उत्पादन कर नजदीकी बाजारों में बेच रही हैं, जिसके अच्छे दाम मिल रहे हैं।

साथ ही महिलाओं के स्वरोजगार में भी इजाफा हो रहा है। कहा कि आने वाले समय में अगर सरकार उन्हें सहयोग दे तो वह अपने महिला समूह को और सशक्त बनाकर गांव की सभी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की कोशिश करेंगी। मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने कहा कि पूरे जनपद में मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बार 130 कुंतल मशरूम की खाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित की गई है। बताया कि 42 किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है व विभाग मशरूम की खेती के लिए लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। कहा कि विपणन के लिये विभागीय स्तर पर आउट लेट के माध्यम से बाजार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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