देहरादून: भाजपा ने अवैध धार्मिक अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण को लेकर शनिवार को सीएम की मुहिम का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस ऐसे अनाधिकृत कब्जो के समर्थन में हमेशा खड़ी रहती है जो कि उसकी नीति का हिस्सा है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के कुछ अतिक्रमणों को छूट देने के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को वर्ग विशेष से संबंधित अवैध संस्थानों पर होने वाली कार्यवाही में ही दर्द क्यों होता है ?
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने आज अपने बयान में विभिन्न मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता एवं समस्त जनता वन एवं तमाम सरकारी भूमि पर अवैध धार्मिक कब्जों को हटाने की कार्यवाही को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मजबूती के साथ खड़ी है । कठोरतम धर्मांतरण कानून के बाद धामी सरकार गलत धार्मिक मंशा एवं अवैध गतिविधियों के खिलाफ उठाया गया यह कदम ऐतिहासिक और राज्य की सनातनी संस्कृति के सरंक्षण को अहम कदम है। उन्होंने कहा सरकार के इस कदम की सभी राजनीतिक दलों को राज्य हित में प्रशंसा करनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष माहरा की प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वह अभी भी वर्ग विशेष के तुष्टिकरण के पक्ष में खड़े हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पुराने अवैध धार्मिक अतिक्रमण को रियायत देने की अपील, केवल धर्म विशेष के लोगों को अपना वोट बैंक मानकर खुश करना है। क्योंकि सभी जानते हैं कि संवैधानिक दृष्टि में अवैध या वैध के अतिरिक्त रियायत जैसा कोई प्रावधान नही होता है ।
भट्ट ने कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजे जाने के अभियान पर चुटकी लेते हुए कहा कि मुद्दाविहीन एवं विचारशून्य कांग्रेस पार्टी के पास न कुछ भी शेष नही है। क्योंकि जिन विषयों को वह पत्र के माध्यम से उठाया उन पर प्रदेश की जनता और कई विषयों पर तो न्यायालय भी सरकार के कदमों पर सहमति प्रकट कर चुका है । भट्ट ने कहा कि विपक्ष को सकारात्मक रुख अपनाते हैं जन सरोकार के मुद्दों पर अच्छे निर्णय को सराहने की जरूरत है। उन्होंने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही एवं इस तरह के अन्य मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा मीडिया में पक्ष नहीं रखने के एलान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति पर आक्षेप लगाने वाले तमाम मुद्दों पर तो कांग्रेस के नेता बढ़-चढ़कर बयानबाजी करते हैं और प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं सद्भाव बनाए रखने में आड़े आ रहे अवैध धार्मिक स्थलों, संस्थाओं एवं व्यक्तियों पर होने वाली कार्यवाहियों पर इन्हें सांप सूंघ जाता है। कांग्रेस कई बार अपने व्यवहार और वक्तव्य से यह साबित कर चुकी है कि उसका समर्थन अवैध धार्मिक अतिक्रमणकारियों को है और इससे उसका दोहरा चरित्र भी उजागर होता रहा है।