
यात्रा को सुरक्षित और सुगम बना रहा जिला प्रशासन
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है। आये दिन पैदल मार्ग पर भूस्खलन हो रहा है, जिस कारण तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे वे इन बोर्ड को देखते हुए सचेत रहकर यात्रा कर सकेंगे। केदारनाथ धाम यात्रा को सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित बनाए रखने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मानसून सत्र को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर गौरीकुंड से केदारनाथ तक के पैदल मार्ग पर विभिन्न संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी एवं दिशा-निर्देश संबंधी बोर्ड लगाए गए हैं।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन के निर्देश पर गौरीकुंड, घोड़ा पड़ाव, जंगलचट्टी, भीमबली सहित अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में ऐसे स्थानों की पहचान की गई, जहां भूस्खलन, पत्थर गिरने, मार्ग फिसलन, अथवा नदी-नालों का जल स्तर बढ़ने की संभावना अधिक होती है। इन सभी चिन्हित स्थलों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें यात्रियों को सतर्क रहने, मार्ग पर न रुकने तथा प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग गुप्तकाशी विनय झिंकवाण ने बताया कि पूर्व में भी दस संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी बोर्डों को लगाया गया तथा वर्तमान में आठ नए चेतावनी बोर्डों को पत्थर गिरने तथा भूस्खलन संभावित संवेदनशील स्थलों पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इन चेतावनी बोर्डों के माध्यम से यात्री सचेत रहेंगे, जिससे उनकी सुरक्षा हो सकेगी। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने तीर्थ यात्रियों से अपील की कि वे मौसम की स्थितियों की जानकारी लेकर ही यात्रा प्रारंभ करें और मार्ग में दर्शाए गए निर्देशों का पूर्णतः पालन करें। साथ ही यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाहों से दूर रहें एवं केवल आधिकारिक सूचना स्रोतों पर ही भरोसा करें। प्रशासन सभी यात्रियों की सुखद, सुरक्षित और निर्विघ्न यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है।