उत्तराखंडदेहरादून

तुलाज़ इंस्टिट्यूट ने एआईसीटीई-एटीएएल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की करी मेजबानी

देहरादून। तुलाज़ इंस्टिट्यूट का सिविल इंजीनियरिंग विभाग कॉलेज परिसर में “एडवांसिंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट: इंटीग्रेटिंग रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस टेक्नोलॉजीज” विषय पर एक सप्ताह तक चलने वाले एआईसीटीई-एटीएएल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) की मेजबानी कर रहा है।
उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्म भूषण व पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. अनिल प्रकाश जोशी उपस्थित रहे। सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण में अपने अग्रणी योगदान के लिए प्रसिद्ध डॉ. जोशी ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ स्थिरता प्रथाओं को एकीकृत करने पर अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।
इस कार्यक्रम में निदेशक डॉ. संदीप विजय, डीन ऑफ़ रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ. सुनील सेमवाल, डीन ऑफ़ एकेडेमिक्स डॉ. निशांत सक्सेना और रजिस्ट्रार डॉ. विजय उपाध्याय भी उपस्थित रहे।
एफडीपी का उद्देश्य संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को स्थिरता चुनौतियों का समाधान करने के लिए आधुनिक उपकरणों और समाधानों से लैस करना है। कार्यक्रम में पर्यावरण परिवर्तनों की निगरानी, भूमि उपयोग नियोजन का समर्थन करने और यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को आगे बढ़ाने के लिए रिमोट सेंसिंग (आरएस) और ज्योग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम्स (जीआईएस) के उपयोग पर जोर दिया गया है।
सप्ताह भर चलने वाले सत्रों में प्रतिभागियों को सतत विकास के लिए आरएस और जीआईएस प्रौद्योगिकियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सशक्त बनाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण, विशेषज्ञ व्याख्यान और केस स्टडी शामिल हैं।

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