उत्तराखंड

31 मई तक वाहनों में चारधाम यात्रा पर चलने वाले उत्तराखंड के वाहनों को ग्रीन कार्ड बनवाने में फिलहाल जीपीएस डिवाइस की अनिवार्यता से छूट दे दी

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर चलने वाले उत्तराखंड के वाहनों को ग्रीन कार्ड बनवाने में फिलहाल जीपीएस डिवाइस की अनिवार्यता से छूट दे दी गई है। साथ ही परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने चेताया है कि अगर 31 मई तक वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) नहीं लगवाई तो इसके बाद बनने वाले ट्रिप कार्ड निरस्त कर दिए जाएंगे।

दरअसल, केंद्र सरकार के नियमों के तहत राज्य में सार्वजनिक यातायात वाहनों, टैक्सी, मैक्सी, निजी बस आदि में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य है। बुधवार को परिवहन मंत्री चंदन रामदास की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था, जिसमें परिवहन कारोबारियों ने मांग की थी कि इस बार इस अनिवार्यता से राहत प्रदान की जाए। क्योंकि इस डिवाइस के बिना वाहनों के ग्रीन कार्ड नहीं बन रहे थे।

परिवहन मंत्री ने इस पर अधिकारियों से बातचीत की। मंत्री चंदन रामदास ने विधानसभा स्थित कक्ष में मीडिया से बातचीत में बताया कि फिलहाल सभी उत्तराखंड के वाहनों को इस डिवाइस से 31 मई तक के लिए छूट दे दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी को कहा गया है कि वह अपने वाहनों में 31 मई तक हर हाल में डिवाइस लगवा लें।

इसके बाद अगर कोई वाहन बिना डिवाइस मिला तो उसका ट्रिप कार्ड निरस्त करते हुए उसे यात्रा से रोक दिया जाएगा। इस छूट के साथ ही सभी वाहनों के ग्रीन कार्ड बनाने का काम भी शुरू हो गया। ये ग्रीन कार्ड छह माह तक के लिए वैध होंगे।

बता दें कि पिछले साल भी परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने परिवहन व्यावसायियों को जीपीएस डिवाइस से राहत दी थी। इस छूट पर परिवहन कारोबारियों ने बृहस्पतिवार को विधानसभा पहुंचकर मंत्री चंदन रामदास का आभार जताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे 31 मई तक डिवाइस जरूर लगवा लेंगे। करीब 20 हजार वाहनों में ये डिवाइस लगाई जानी है।

परिवहन मंत्री ने बताया कि इस बार अगर किसी वाहन की ऋषिकेश स्थित चेकपोस्ट पर चेकिंग हो जाएगी तो बीच रास्ते में उसका वाहन चेक नहीं किया जाएगा। बताया कि इससे यात्रा में होने वाले विलंब से मुक्ति मिलेगी।

परिवहन मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कहीं वाहनों की वजह से जाम लगता है तो छोटे वाहनों के बजाए पहले बड़ी बसों को निकाला जाए। इससे यातायात सुगम हो जाएगा। छोटे वाहनों को निकालना भी आसान हो जाएगा।

 

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