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गंगा घाटी के गांव – रानों, बमोथ और करछुना में पांडव लीला आयोजन के प्रति उत्साह, तैयारियां शुरू

चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
जनपद चमोली के अन्तर्गत विकासखंड पोखरी के दूरस्थ क्षेत्र गौचर के समीपवर्ती गंगा घाटी के गांव रानों, बमोथ और करछुना में आयोजित होने वाले पांडव लीला की तैयारियों में ग्रामवासी जुटे हुऐ हैं। सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुऐ अलाव जलनें के लिये पर्याप्त मात्रा में लकड़ी का इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा पांडवों के पुराने बस्त्रों के स्थान पर नये पोशाकें बनाई जा रही है।
पांडव नृत्य को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है। रानों गांव में 18 दिसंबर से शुरू होने वाले पांडव लीला की तैयारियां जोरों से शुरू हो रही है। पांडव लीला समिति रानों के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी व सामाजिक कार्यकर्ता बीरेंद्र भंडारी ने बताया कि चौथे दिन 21 दिसंबर को पांडवों के अस्त्र शस्त्र आयेंगे। वहीं दूसरी ओर बमोथ और करछुना गांव में भी 30 दिसंबर से पांडव लीला को लेकर ग्रामवासी तैयारियो को अन्तिम रूप देने में जुटे हुऐ हैं। पांडव लीला समिति बमोथ के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ठाकुर व कोषाध्यक्ष जयंती प्रसाद पन्त और करछुना पांडव लीला समिति के अध्यक्ष कुशाल सिंह नेगी ने बताया कि हर तीसरे साल में आयोजित होने वाले पांडव नृत्य के प्रति ग्रामीणों में खाशा उत्साह दिखाई दे रहा है।
पांडव लीला समिति बमोथ के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि 30 दिसंबर को भूमियाल रावल व लाटू देवता के पूजन के साथ पांडव चौक में हनुमान ध्वज विधि विधान व पूजा अर्चना के साथ स्थापित किया जायेगा। 01 जनवरी को नारायण मंदिर से पांडवों के अस्त्र शस्त्र (बाण) को पांडव चौक में लाकर स्नान, सकलीकरण पूजन श्रृंगार किया जायेगा। 04 जनवरी को सांवल वृक्ष का आगमन, 05 जनवरी को राजसूय यज्ञ एवं शिशुपाल वध लीला का आयोजन तथा 06 जनवरी को द्रौपदी चीरहरण एवं पांडवों का वनवास और 07 जनवरी को सेरा कौतिक चक्रव्यूह विशाल आयोजन किया जाएगा। 08 जनवरी को जल यात्रा व अस्त्र-शास्त्र का अपने मूल स्थान नारायण मंदिर में विराजमान होकर 09 जनवरी को प्रसाद वितरण के साथ 11 दिवसीय पांडव लीला संपन्न हो जायेगी।

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