भारतीय युवा खेल परिषद के नाम का बोर्ड लगाकर गिरोह कर रहा था ठगी
भारतीय युवा खेल परिषद की फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह ने पूरा सिस्टम सरकारी जैसा बनाया हुआ था। आरोपितों ने नोएडा में एक आलीशान कार्यालय खोला हुआ था, जिस पर बाहर से भारतीय युवा खेल परिषद के नाम का बोर्ड लगाया हुआ था।
गिरोह के सरगना आनंद मेहता ने अपने कार्यालय के बाहर भारतीय युवा खेल परिषद के प्रशासक का बोर्ड लगाया हुआ था। पास ही योगेंद्र कुमार का कार्यालय था, जिसकी दीवार पर डायरेक्टर का बोर्ड टंगा हुआ था।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह युवाओं को झांसे में लेने के लिए आलीशान कार्यालय खोलते थे। कुछ समय ठगी करने के बाद वह कार्यालय बदल लेते थे। आरोपितों की ओर से फर्जी नियुक्तिपत्र भी तैयार किए हुए थे। यह नियुक्तिपत्र उन युवक-युवतियों को दिए जाते थे, जो कि डेढ़ से दो लाख रुपये की धनराशि दे देते थे।
बेरोजगार युवक व युवतियों को विश्वास में लेने के लिए गिरोह ने वेबसाइट भी हुबहु सरकारी जैसी बनाई थी। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की फोटो व वीडियो अपलोड किए हुआ थे। वेबसाइट पर खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ स्लोगन भी लिखे थे।