
देहरादून। ओम पैलेस बालावाला में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो रहा है। आज, कथा के प्रथम स्कंध का हृदयस्पर्शी वर्णन आचार्य शशिकांत जी महाराज ने किया, जिससे उपस्थित श्रद्धालु भक्ति और ज्ञान के प्रवाह में सराबोर हो गए।
आचार्य शशिकांत जी ने प्रथम स्कंध के माध्यम से श्री सूतजी और शौनकादि ऋषियों के संवाद, कलियुग में भागवत श्रवण की महत्ता और भगवान श्रीकृष्ण के धरती से गमन के उपरांत धर्म तथा सत्य की वर्तमान स्थिति को विस्तार से समझाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रीमद्भागवत का श्रवण मात्र कर्मकांड नहीं, बल्कि यह जीवन की अज्ञानता को दूर कर आत्मा को शुद्ध करने का एक सशक्त माध्यम है।
कथा के दौरान, आचार्य जी ने व्यासदेव को भक्ति, वैराग्य और ज्ञान की स्थापना हेतु श्रीमद्भागवत की रचना की प्रेरणा कैसे मिली, इस पर भी प्रकाश डाला। कथा स्थल भजन-कीर्तन और हरिनाम संकीर्तन से गुंजायमान रहा, जिससे वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
इस अमृतमयी कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुजन प्रतिदिन बड़ी संख्या में ओम पैलेस बालावाला पहुँच रहे हैं। कल द्वितीय स्कंध की अमृतमयी कथा का रसपान कराया जाएगा। इस पुनीत आयोजन में मुख्य रूप से यजमान श्रीमती सरोज गहलौत, प्रज्वल गहलौत, शुभम, उमाशंकर शर्मा, आचार्य दिवाकांत, ऋषभ बड़ोनी, रजनीश तिवारी, महेश शर्मा और ब्रह्म प्रकाश पांडे सहित अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।