
एई के तबादले के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकार के जीरों टाॅलरेंस के दावे को किया पुख्ता
हरिद्वार(ब्यूरो)। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण में तैनात एई पंकज पाठक विभाग में डटे रहे, लेकिन ‘‘शासन के तबादला आदेशों को ठेंगा दिखा रहे एचआरडीए के एई’’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विभाग ने शुक्रवार को उन्हें रिलीव कर दिया है। शासन के आदेशों के बाद अपना तबादला रूकवाने को लेकर एई पंकज पाठक ने संतों से लेकर अधिकारियों तक चक्कर काट लिए थे, इसके बाद बावजूद भी उनका तबादला नहीं रूका। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एई को हरिद्वार से हटाकर नैनीताल स्थानंातरण के आदेश जारी कर सरकार के जीरो टॉलरेंस अभियान के दावे को पुख्ता कर दिया हैं। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण से स्थानांतरण और कार्यमुक्त आदेश होने के बाद अब एई पंकज पाठक नवीन तैनाती के लिए झील विकास प्राधिकरण नैनीताल का सफर तय करेंगे।
यहां यह बताते चले कि एई पंकज पाठक के कार्यकाल शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। वर्ष 2020 में एचआरडीए के वीसी रहे आईएएस दीपक रावत ने पंकज पाठक की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। पंकज पाठक की कार्यशैली से क्षुब्ध होकर उन्होंने आवास अनुभाग-2 को पत्र भेजा था। जिसमें साफतौर पर लिखा गया था कि एई पंकज पाठक को प्राधिकरण से हटाकर उन्हें मूल विभाग के लिए कार्यमुक्त कर दिया जाए। पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की सिफारिश पर पंकज पाठक की प्रतिनियुक्ति 2019 में एचआरडीए में की गई थी। एई पंकज पाठक का मूल विभाग सिंचाई विभाग उत्तराखंड हैं। हरिद्वार और रूड़की में एई पद के लगभग तीन वर्ष के कार्यकाल में पंकज पाठक पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में शासन स्तर पर कई जांच विचाराधीन हैं। यही नहीं पंकज पाठक ने 56 वर्षीय महिला बुल्ला डे को भी नहीं बख्शा। बुल्ला डे ने पंकज पाठक पर अभ्रदता और अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए कई शिकायतें शासन-प्रशासन को की थी, लेकिन राजनीतिक और उच्चाधिकारियों के संरक्षण के चलते पंकज पाठक पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। मामला जब कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने बिना देर किए भ्रष्टचार के आरोपी एई के खिलाफ कार्यवाही करते हुए प्राधिकरण से हटाकर अन्य स्थान पर स्थानंातरण करने के निर्देश संबंधित विभाग को जारी किए थे। जिसके बाद 18 जुलाई 2023 को आवास अनुभाग-2 ने पंकज पाठक का हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण से स्थानंातरण झील विकास प्राधिकरण में करते हुए तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए थे। एई के तबादले और एचआरडीए कार्यमुक्त होने के बाद हरिद्वार निवासी बुल्लाडे सहित व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोगों ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का आभार जताया है।
सूत्रों कि मानें तो प्राधिकरण से नैनीताल से रिलीव हुए एई को कहीं न कहीं कुमाऊं कमिश्नर आईएएस दीपक रावत का डर सता रहा हैं। इसका कारण 2020 में हरिद्वार-विकास प्राधिकरण का वीसी रहते दीपक रावत का एई के खिलाफ की गई कार्यवाही को माना जा रहा हैं। यही कारण हैं कि एई ट्रांसफर होने के बाद भी नवीन तैनाती पर नहीं जाना चाहते थे। गौरतलब हैं कि एचआरडीए में वीसी रहते आईएएस दीपक रावत और एई की कार्यशैली को लेकर दोनों के बीच बढ़ी तल्खियों की चर्चा प्राधिकरण कर्मचारियों में आज भी होती हैं। नवीन तैनाती कुमाऊं में होने के बाद इस चर्चा ने तेजी से जोर पकड़ लिया हैं। कुमाऊं कमिश्नर आईएएस दीपक रावत की गिनती उत्तराखंड के तेजतर्रार अधिकारियों में होती हैं। वह एई की भ्रष्ट कार्यशैली से पूर्व हरिद्वार विकास प्राधिकरण का वीसी रहते हुए खासे परिचित भी हैं।