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जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने स्पष्ट शब्दों में बैंकर्स को निर्देश दिए |

बिजनौर – जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने स्पष्ट शब्दों में बैंकर्स को निर्देश दिए कि जिले के औद्योगिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें और इस महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता अथवा लापरवाही न बरतें। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि किसी उद्यमि को यदि अनावश्यक रूप से परेशान किया जाना प्रकाश में आता है तो संबंधित शाखा प्रबंधक के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी और उनके उच्चाधिकारियों को पत्र द्वारा संज्ञानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि काफी प्रयासों और कड़ी मेहनत के बाद जिले में औद्योगिक विकास के लिए वातावरण सृजित हुआ और उद्यमि निवेश के लिए जिला बिजनौर का रूख कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में आवश्यक है कि निवेशकों को उद्योग की स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जाए और उनको यथासंभव सहायता उपलब्ध कराई जाए।

जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज शाम 4ः30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में डीसीसी/डीएलआरसी/डीएलआरएसी (आरसेटी) की चतुर्थ त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।

बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की गहनता के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि यह योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन बैंकों में स्ट्रीट वेंडर्स ऋण स्वीकृति लंबित है वह तत्काल ही उसको पूरा करना सुनिश्चित करे, साथ ही उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जिन बैंकों का ऋण जमा अनुपात की स्थिति मानक के अनुरूप नहीं है वह अपना ऋण जमा अनुपात में सुधार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकर्स शासन द्वारा संचालित स्वरोजगार परक एनआरएलएम, स्वनिधि योजना सहित योजनाओं के अंतर्गत अधिक से अधिक पात्र लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की हैं। उन्होंने समस्त बैकर्स से कहा कि शीघ्र कृषि के उपरोक्त क्षेत्रों में अधिकाधिक ऋण प्रवाहित कर चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों की प्राप्ति में अपना योगदान दें, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने में सहयोग किया जा सके। उन्होंने समस्त बैकर्स को निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों द्वारा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना में ऋण देने में लापरवाही बरती जा रही है, समस्त बैंकर्स यह ध्यान दें कि सरकार गरीबों के स्वरोजगार के लिए जो योजनाएं चला रही है उसमें बैंकों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है, इसलिए बैकर्स सरकारी योजनाओं के ऋणों की फाइलों को पूरी गुणवत्ता के आधार पर पास करना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने समीक्षा करते हुए पाया कि वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत माह मार्च,2023 तक प्रथमिकता क्षेत्र में वार्षिक लक्ष्य 8043.41 करोड़ के सापेक्ष 6120.40 करोड़ की उपलब्धि प्राप्त हुई, जो कि वार्षिक लक्ष्य का 76.09 प्रतिशत है। व्यवसायिक बैंकों ने 73.35 प्रतिशत, ग्रामीण बैंकों ने 59, तथा सहकारी बैंकों ने लक्ष्य के सापेक्ष 115.62 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि प्राप्त की। उन्होंने वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा कम उपलब्धि प्रतिशत प्राप्त करने वाले बैंकों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपलब्धि प्रतिशत बढाने के सख्त निर्देश के साथ ही एलडीएम को निर्देश दिये की कम प्रतिशत वाले बैंकों के हैड क्वार्टर को कम प्रतिशत पर पत्र प्रेषित कर सूचित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैकें को अन्य योजनाओं की समीक्षा में भी निर्धारित लक्ष्य या प्रतिशत को बढाने के भी सख्त निर्देश दिये।

बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप इण्डिया, ओ0डी0ओ0पी0, मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री माटी कला ग्रामोद्योग योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, अल्पसंख्यकों का ऋण और सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में उपलब्धि की समीक्षा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैंकर्स गरीबों के कल्याणार्थ योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करें और उनके स्वरोजगार जो प्रकरण लम्बित है, उनका पूरी गुणवत्ता के आधार पर शत प्रतिशत रूप से निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक ज्ञानेश्वर तिवारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, समस्त बैकर्स, संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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