हरिद्वार। थाने मेें महिलाओं के सामने निर्वस्त्र होकर पुलिस पर दबाव बनाना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। पुलिस ने उसे सम्बन्धित धाराओं में गिरफ्तार कर उसे न्यायालय में पेश किया जहंा से उसे जेल भेज दिया गया है। जहां एक तरफ पूरे देश के हर वर्ग में महिलाओं को सम्मान एवं आदर दिए जाने की बात चल रही है एवं हर क्षेत्र में मातृशक्ति को ऊंचे से ऊंचा ओहदा दिए जाने को सभी अपना समर्थन दे रहे हैं तो वहीं कोतवाली गंगनहर क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा महिलाओं की मौजूदगी में पुलिस पर दबाव बनाने के लिए सबके सामने स्वयं को निर्वस्त्र कर शर्म हया को ताक पर रख दिया गया। जिस पर पुलिस द्वारा ऐसे अमानवीयध्नाटकीय व्यवहार कर रहे व्यक्ति अरुण यादव को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए नियमानुसार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब जेल गए व्यक्ति द्वारा इमोशन कार्ड खेलते हुए परिवार के नाबालिक बच्चों की मदद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करवाया जा रहा है कि उसके विपक्षी ने हरिद्वार पुलिस के साथ मिलकर उसके मूलभूत अधिकारों का हनन करते हुए उसको गलत तरीके से जेल भेजा है।
बता दें कि बीती 24 दिसम्बर को कोतवाली गंगनहर में नियुक्त एडिशनल एसआई धनपाल सिंह लोक शिकायत प्रकोष्ठ से प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच के क्रम में शिकायतकर्ता आकाश यादव निवासी ग्राम 354 गणेशपुर रूडकी गये जहाँ पर शिकायतकर्ता द्वारा बताया कि विपक्षी अरूण यादव व आशा यादव (पत्नी अरूण यादव) द्वारा पत्र में उल्लेखित भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण कार्य करते हुए शिकायतकर्ता के साथ मारपीट कर घायल कर दिया है। जिस पर जाँचकर्ता द्वारा दोनों (पक्ष कृ विपक्ष) को थाने पर आने को कहा और चले आए। कुछ समय पश्चात शिकायतकर्ता के साथ मारपीट करने वाला विपक्षी अरूण यादव पुत्र हरिलाल थाने पर आया और जाँचकर्ता अधिकारी से घटना के संबंध में पूछताछ करने पर एकदम उग्र हो गया और ऊंची आवाज में अभद्र भाषा एवं व्यवहार करने लगा। इस पर थाने में अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा भी अरुण यादव को समझाने का प्रयास किया तो वह आक्रोशित हो गया और थाने पर हंगामा करते हुए महिला डैस्क पर लगे काँच के शीशे को हाथ मारकर तोड़ दिया और समझाने के लिए पास आ रहे पुलिसकर्मियों को चेताते हुए थाना परिसर में ही एकदम से निर्वस्त्र हो गया। जिससे महिला डैस्क में मौजूद महिला कर्मचारी सहित अन्य फरियादी महिलाएं भी शर्म से स्वयं को अपमानित महसूस करते हुए असहज होकर वहां से इधरकृउधर चली गईं। इस पर पुलिस ने अरूण यादव के खिलाफ सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया जहंा से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।