
देहरादून: उत्तराखंड राज्य की स्थापना के रजत जयन्ती समारोह के उपलक्ष्य में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज प्रातः “उत्तराखंड पुस्तक मेला” का आयोजन किया गया। दो दिवसीय यह मेला राज्य स्थापना दिवस समारोह की पहली श्रृंखला है. मेले का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने किया। इस मेले में अल्मोड़ा, हल्द्वानी, ऋषिकेश, दिल्ली व देहरादून के 18 प्रकाशन व बुकसेलर्स संस्थाओं ने अपने स्टॉल लगाये.
पुस्तक मेले में हिमालय व उत्तराखण्ड पर आधारित पुस्तकें प्रमुख रूप से विक्रय के लिए उपलब्ध हैं. इसके अलावा इसमें आम जन को समाज,मानविकी, इतिहास, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, भूगोल, संस्कृति, कथा, उपन्यास, संस्मरण, भाषा व साहित्यिक तथा अन्य विषयक पुस्तकें खरीदने का अवसर मिल रहा है.
मुख्य सचिव श्री आनंद वर्द्धन ने इस पुस्तक मेला को साहित्य को बढ़ावा देने वाला आयोजन बताया. उन्होनें दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तकालय
की ओर से यह सराहनीय प्रयास किया गया है। आशा है प्रतिवर्ष इसी तरह पुस्तक मेला लगता रहे.1-4 नवम्बर तक चलने वाले इस रजत जयंती आयोजत के संयोजक पूर्व मुख्यसचिव श्री एन. एस. नपलच्याल ने .इस पुस्तक मेला को बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने युवाओं को बचपन से ही पुस्तकें पढ़ने की आदत डालने की प्रेरणा दी। उन्होंने पढ़ने को व्यक्तिगत विकास और ज्ञान के लिए एक स्थायी आदत बनाने के महत्व पर जोर दिया।
पुस्तक मेले में प्रतिभाग कर रहे अल्मोडा बुक डिपो के मनीष अग्रवाल ने दून पुस्तकालय के इस प्रयास को महत्वपूर्ण कदम बताया. उनके स्टॉल में पर्यावरण, उत्तराखण्ड के साहित्य, कुमाउनी साहित्य आदि विषय की अनेकों पुस्तकें विक्रय के लिए उपलब्ध हैं।
समय साक्ष्य प्रकाशन देहरादून के प्रवीन भट्ट ने बताया कि उनके स्टॉल में हिमालय व उत्तराखण्ड पर केन्द्रित विविध विषयों की 200 से अधिक शीर्षक हैं जिनकी अच्छी बिक्री हो रही है।
मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, वाणी प्रकाशन, विनसर, काव्यांश, सीबीडी, बुक वर्ल्ड, नटराज, जनचेतना, गार्गी समेत कई नामचीन प्रकाशक बुकसेलर्स के स्टॉल लगे हैं.जिनसे साहित्य प्रेमी, साहित्यकार, लेखकों व युवा पाठक आ रहे हैं.
देहरादून के प्रेज़ एल स्कूल के 29 छात्रों ने भी पुस्तक मेले का भ्रमण किया। प्रधानाचार्य श्रीमती पूनम भी उपस्थित थीं। उन्होंने बच्चों के जीवन में पुस्तक पढ़ने के महत्व पर बात की और बढ़ते पुस्तक वाचन में रुचि की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बच्चों और वयस्कों से अपील की कि वे फिर से पुस्तकों के अध्ययन से जुड़ें।
आज के पुस्तकमेले में लगभग 500 से अधिक लोग आये और उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति भूगोल, समाज, साहित्य आदि की पुस्तकें खरीदीं।
एक प्रमुख आकर्षण पर्यावरण जागरूकता पर आधारित एक स्टॉल था “नेचर साइंस इनिशिएटिव्स” इसमें पारिस्थितिकी संरक्षण और सतत विकास पर आधारित अपने पुस्तक “द सीक्रेट गार्डन” का प्रदर्शन किया।
‘उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस’ 1 से 4 नवंबर तक होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत मात्र है, जिनका उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाना और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है.
पुस्तक मेला में दून पुस्तकालय के निदेशक एन. रवि शंकर, पूर्वमुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सुधारानी पाण्डे, डॉ.पंकज नैथानी, डॉ. अरुण कुकसाल,संजीव चोपड़ा, डा. योगेश धस्माना, राजू गुंसाई, राजेन्द्र गुप्त, अरुण कुमार असफल, ब्रिग्रेडियर बहल, प्रकाश थपलियाल, कर्नल शैलेन्द्र सिंह रौतेला, अरुण सब्बरवाल, जयभगवान गोयल, सुमन भारद्वाज, जगदीश सिंह महर, सुन्दर सिंह विष्ट, मेघा विल्सन, प्रियंका, मीनाक्षी कुकरेती, मधु डंगवाल, गीताजंलि भट्ट, शगुन दरियाल, स्वीटी शर्मा, मधन सिंह, राकेश कुमार, रेणुका शुक्ला वेदपाठी, दीवान बोरा, गामाचंद, पंकज शर्मा आदि उपस्थित थे.



