देहरादून : वैसे तोह कथा वाचक बहुत होते है लेकिन कथा के साथ जो जन-गण को शुभ संदेश की ज्ञान गंगा का बखान अपने श्री मुख से करे, ऐसे कथा वाचक बहुत कम मिलते है | आज दिनांक 24 दिसंबर से 7 दिन तक तुन्तो वाला शिव मंदिर देहरादून पर श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ दिव्य कलश यात्रा के साथ आचार्य पंडित भारत भूषण शास्त्री द्वारा आरंभ हुआ |
भागवत कथा व्यास आचार्य पंडित भारत भूषण शास्त्री द्वारा भागवत के माहत्म्य को श्रवण कराया गया | आचार्य ने भागवत कथा के माध्यम से सभी श्रोताओं को बताया कि अपनी संतान को सदैव अभाव में रखना चाहिए क्योंकि यदि संतान अभाव में रहेगी तो निश्चित उन्नति करेगी और अभाव में पली बढ़ी संतान ही गोकर्ण बनती है, यदि हम संतान को प्रभाव में पालते हैं तो संतान बिगड़ जाती है और वही संतान अपने मां-बाप को वृद्धाश्रम भेजती है | उसी संतान को श्रीमद् भागवत ने धुंधकारी की श्रेणी में रखा है | बड़े आनंद के साथ श्रोताओं ने दिव्य कथा का श्रवण किया तथा ज्ञान भक्ति, भजन कीर्तंन वैराग्य के प्रसंग को श्रवण करके श्रोता गण आनंदित हुये |