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एसडीसी और एयरबस करेंगे 300 प्लास्टिक बैंक स्थापित : अनूप नौटियाल

देहरादून/ प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट देहरादून में प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बढ़ते खतरे से निपटने एवं सर्कुलर इकोनामी को बढ़ावा देने के लिए एसडीसी फाउंडेशन एवं एयरबस द्वारा शुरू की गई सार्थक पर्यावरणीय पहल है।

गुरुवार को सुभाष रोड स्थित होटल पेसिफिक में प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट को लॉन्च करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें अनेकों स्कूल के बच्चों को आमंत्रित करते हुए प्रवीण उप्रेती, एसडीसी कम्युनिटी आउटरीच एसोसिएट और दिनेश चंद्र, लीड सोशल सर्विस एंड वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा सभी बच्चो को कपड़े के बैग एवं कुछ पुस्तके वितरित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित अनूप नौटियाल ने बताया कि प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट एयरबस इंडिया और एसडीसी फाउंडेशन देहरादून में 300 प्लास्टिक बैंक स्थापित करने के लिए एक साथ आए हैं। ‘प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट’ के रूप में जाना जाने वाला यह पहल एक तीन-आयामी, नागरिक-नेतृत्व वाला ‘जागरूकता, पृथक्करण और व्यवहार परिवर्तन’ कार्यक्रम है जो प्लास्टिक कचरे पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि एयरबस एयरोस्पेस उद्योग में एक वैश्विक अग्रणी है, जो वाणिज्यिक विमान, हेलीकॉप्टर, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहा है। कंपनी दुनिया भर में ग्राहकों के लिए एयरोस्पेस उत्पादों, सेवाओं और समाधानों के डिजाइन, निर्माण और वितरण में अग्रणी है। यह यूरोप की सबसे बड़ी वैमानिकी और अंतरिक्ष कंपनी है और विमानन उद्योग में सबसे आगे है। इस सहयोग के तहत, एसडीसी प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करेगा, अलग करेगा और संसाधित करेगा, मुख्य रूप से रीसाइक्लिंग और कचरे को ऊर्जा या अन्य उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए विभिन्न प्लास्टिक बैंकों से एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे को एसडीसी के प्लास्टिक अपशिष्ट भंडारण और पृथक्करण केंद्र में लाया जाएगा, जिसे हाल ही में देहरादून के बाहरी इलाके मेहुवाला में स्थापित किया गया है। इसके बाद, अलग किए गए और एकत्र किए गए प्लास्टिक को पुनर्चक्रणकर्ताओं की एक श्रृंखला के माध्यम से पुनर् नवीनीकरण किया जाएगा।

नौटियाल ने कार्यक्रम में स्कूली छात्रों को अपने स्कूल के प्लास्टिक बैंक में प्लास्टिक जमा करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा हमारा लक्ष्य अगले छह महीनों में 70-80 प्लास्टिक बैंक स्थापित करना है और मार्च 2025 तक 250-300 प्लास्टिक बैंकों तक पहुंचने का लक्ष्य है। स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्टलों, शोरूमों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, धार्मिक स्थानों, होटलों, आरडब्ल्यूए और अपार्टमेंट ब्लॉकों में प्लास्टिक बैंक स्थापित किए जा रहे हैं। इससे सर्कुलरिटी को बढ़ावा मिलेगा, वहीं शहर में खुले स्थानों और कचरा संग्रहण केंद्रों पर कूड़े और कचरे का बोझ भी कम होगा।

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