देहरादूनउत्तराखंड

राम व सनातन विरोधियों का प्राण प्रतिष्ठा पर ज्ञान बांटना हास्यास्पदः महेंद्र भट्ट

  • प्रसाद नीति पर चलने वाली कांग्रेस को पूजित अक्षत निमंत्रण परंपरा का ज्ञान नहीं

देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी व अन्य नेताओं के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया को लेकर दिए बयानों पर पलटवार कर कहा कि राम और सनातन विरोधी पार्टियों का धार्मिक पद्धतियों पर ज्ञान बांटना हास्यास्पद है। प्रसाद परंपरा पर अधिक विश्वास रखने वाली कांग्रेस को पूजित अक्षत से श्रीराम मंदिर निमंत्रण की सनातनी पद्धति भी प्रसाद ही प्रतीत हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विभिन्न माध्यमों से पूछे गए मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा अपने आलाकमान द्वारा तय श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा विरोध की गाइडलाइन अपने स्थानीय नेताओं को समझाने आई थी। जबकि देवभूमि की सनातनी जनता बखूबी देख रही है कि जिस पार्टी ने सरकार से लेकर न्यायालय तक हमेशा श्री राम मंदिर का विरोध किया और जिन्होंने प्रभु श्रीराम के काल्पनिक होने का हलफनामा न्यायालय में दिया वह आज भी सनातन विरोध मे तरह तरह के तर्क दे रहे है। उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे भी सनातनी परंपराओं को बीमारी मानते हैं तो उनकी मंशा को समझा जा सकता है। यह अफसोसजनक है कि आज वही पार्टी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ज्ञान और पूजा पद्धति पर टीका टिप्पणी कर रही है। इसके अलावा शंकराचार्यों के नही आने पर झूठ फैलाकर दुख प्रकट कर रहे हैं ।

श्री भट्ट ने कहा कि शंकराचार्य स्पष्ट कर चुके हैं कि पद से जुड़ी कुछ परंपराए, प्रक्रिया एवं व्यवस्थागत रिवाज हैं जिनका पालन उन्हे करना आवश्यक है। लेकिन प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अधिक भीड़ एवं सुरक्षा प्रबंध संबंधित प्रक्रिया के चलते उनका पालन संभव नहीं है। लिहाजा इस कार्यक्रम के बाद यथा संभव वे भी प्रभु श्री राम का दर्शन करने अयोध्या करने को आतुर हैं। श्री भट्ट ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं पर अज्ञानवश या गलत उद्देश्यों से पूजित अक्षत को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कटाक्ष किया, लंबे समय तक सनातनी संस्कृति से दूरी बनाने के कारण उन्हें ज्ञात नही है कि पूजित अक्षत यानी हल्दी या रोली मिले चांवलों को बांटना किसी शुभ कार्य के लिए निमंत्रण की धार्मिक प्रक्रिया है । कांग्रेसियों को समझना चाहिए कि यह कोई प्रसाद नही बल्कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर दर्शन का देश के न्यूनतम 10 करोड़ परिवारों को दिया जाने वाला वह सादर न्यौता है जो सर्वप्रथम 26 जनवरी से 48 दिनों तक चलने वाला है। उन्होंने व्यंग किया कि कांग्रेस का ध्यान प्रसाद में अधिक रहता है इसलिए वह पूजित अक्षत को प्रसाद मान रही है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रभु श्री राम मंदिर के प्रसाद को जब न्यूनतम 62 करोड़ लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। श्री भट्ट ने कहा, दुनिया भर के सनातनियों की आस्था, 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं और सभी धर्माचार्यों की शुभकामना इस युगांतरकारी दिव्य भव्य पलों के साथ है। देवभूमि की जनता बखूबी जानती है कि जो राम के काम नहीं आए वो किसी के काम नहीं आने वाले, लिहाजा आने वाले दिनों में जनता उन्हें लोकतांत्रिक ढंग से करारा जवाब देगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button