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जानें कब से शुरू हो रहा है सावन माह, किस उपाये से आदियोगी होंगे प्रसन्न

  • पितरों को भी करें खुश

हरिद्वार। भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला और उनका सबसे प्रिय मास सावन मास इस बार 4 जुलाई से आरंभ हो रहा है। यह 31 अगस्त तक चलेगा। इसी बीच पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) भी लगेगा, जिसको लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने इस बार सावन कब से कब तक है और किस तरह के योग हैं, इस संबंध में जानकारी दी है। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि इस बार सावन 4 जुलाई से आरंभ होकर 31 अगस्त तक रहेगा। सावन के मध्य में पुरुषोत्तम मास पड़ने जा रहा है, जोकि भगवान नारायण का भी सबसे प्रिय मास है। उन्होंने बताया कि 19 साल बाद ऐसा योग बन रहा है कि जब सावन मास के दौरान पुरुषोत्तम मास भी पड़ रहा है। इस बार सामान्यता सावन मास की अपेक्षा 8 सोमवार पड़ेंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 4 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक कृष्ण पक्ष रहेगा, जबकि पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। जिसके बाद फिर सावन मास लगेगा, जो 31 अगस्त रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगा।

पितरों को प्रसन्न करने के लिए सावन में पड़ रही सोमवती अमावस्या

पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि इस बार सावन मास में पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष बात यह है कि इस बार सोमवती अमावस्या पड़ रही है। 15 जुलाई को जल चढ़ाने के बाद 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या में गंगा जी का स्नान कर कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। ऐसा कई वर्षों बाद हो रहा है कि सावन मास के दौरान सोमवती अमावस्या पड़ रही हो।

इस तरह कर सकते है शिवजी को प्रसन्न

तिषाचार्य ने बताया कि भगवान भोलेनाथ ही ऐसे भगवान हैं, जो कि बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना भी माना जाता है. सावन मास के दौरान भगवान शिव कैलाश छोड़कर धरती पर निवास करते हैं और सृष्टि का संचालन करते हैं. इन्हीं कारणों से सावन माह का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल, भांग, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाया जाता है. इसी के साथ ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके भगवान भोलेनाथ अत्यधिक प्रसन्न होते हैं.

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