धामी कैबिनेट में रिक्त पदों की संख्या चार हुई
देहरादून। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट का खालीपन और ज्यादा बढ़ गया है। कैबिनेट में पहले से ही तीन पद खाली चल रहे थे, अब इनकी संख्या चार हो गई है। मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यकाल की दूसरी पारी में जो मंत्रिमंडल बनाया, उसमें शुरुआत से ही मंत्री के तीन पद खाली हैं। मंत्रियों के खाली पदों को भरने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं सत्ता के गलियारों में अकसर गरमाती रहती हैं। लेकिन चंदन राम दास के जाने के बाद अब कैबिनेट का यह खालीपन और ज्यादा अखरने वाला है। वैसे भी धामी मंत्रिमंडल को चंदन राम दास की कमी हमेशा खलती रहेगी। सीधे, सरल और अपने मजाकियां अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले चंदन राम दास अपने कैबिनेट के सहयोगियों में काफी पसंद किए जाते थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उनसे खास लगाव था। कई नए विधायकों और राजनेताओं के लिए वह राजनीति की एक प्रयोगशाला थे। जानकारों का मानना है कि वर्ष 2007 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 का चुनाव अपनी सियासी पकड़, कुशल चुनाव प्रबंधन और सीधे और सादगी भरे व्यक्तित्व के कारण जीता था। मंत्रिमंडल के अन्य साथी भी उनके लंबे राजनीतिक अनुभव से प्रभावित होकर उनसे मशविरा और मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। दास के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर लोगों की नजर टिक गई है। सबसे पहले नंबर दास की पत्नी पार्वती दास का हो सकता है। भाजपा दिवंगत नेताओं की पत्नियों को महत्व देती रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के कद्दावर नेता प्रकाश पंत का है। उनके निधन पर उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भाजपा ने टिकट दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं। बहुत कुछ उनकी (पार्वती दास) इच्छा पर भी निर्भर रहेगा। बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं। विरासत की बात बहुत हद तक भाजपा संगठन के रुख पर निर्भर रहेगी। नियमानुसार बागेश्वर विधानसभा सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव होंगे।